अनूपपुर के जिला चिकित्सालय में 28 दिसंबर को कायाकल्प मूल्यांकन के लिए निरीक्षण टीम का आना तय था और 27 दिसंबर को अस्पताल के सभी कर्मचारी सहित डॉक्टर, नर्स भी अस्पताल की साफ-सफाई की सही व्यवस्था, सैनिटाइजेशन और स्वच्छता की व्यवस्था, संक्रमण से रोकथाम की उचित व्यवस्था में अस्पताल का सारा स्टाफ जोर शोर से तैयारियों में जुटा हुआ था। और मरीजों का ख्याल रखने वाले नर्स और वार्ड ब्यॉय भी अपनी ड्यूटी भूल कर अस्पताल की व्यवस्था में लगे हुए थे। उस बीच परिजनों को खुद ही अपने मरीजों का ख्याल रखना पड़ा।
यह हाल
वहीं 27 दिसंबर सोमवार को जिला अस्पताल में लापरवाही का मामला सामने आया जिसमें मरीज को बोतल चढ़ी थी और परिजनों ने कई बार नर्स, वार्ड ब्यॉय और डॉक्टर को बुलाया लेकिन किसी के नही आने पर परिजन खुद ही मरीज की बोतल हाथ में पकड़ उसे बाथरूम लेके गए और वहीं मरीज चक्कर खा कर गिर पड़ा। जिससे वहां
आखिर कब तक इस तरह की लापरवाही अस्पताल विभाग करते रहेगा और इसका खामियाजा मरीजों को भुगदना पड़ेगा। शिकायत करने के बाद भी सभी जिला अस्पतालों का वही हाल है इतनी शिकायतों के बाद भी अस्पतालों में कोई सुधार नहीं बल्कि दिन प्रतिदिन स्थिति बद से बत्तर होती जा रही है।
अस्पताल और प्रशासन विभाग का ये रवैया देख कर अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल हो गया है की आखिर कब तक मरीजों का सही ढंग से इलाज और उनकी देख रेख की जायेगी या फिर ऐसे ही हमेशा परिजनों और मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।