कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद शनिवार को कहा कि वह लोकतंत्र की लड़ाई लड़ रहे हैं और डरने वाले नहीं हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी अडाणी समूह से जुड़े सवालों से ध्यान भटकाने के लिए उन पर ओबीसी समुदाय के अपमान का आरोप लगा रही है।
जब लोग कहते हैं कि राहुल गांधी माफी मांग लेते, तो राहुल गांधी क्या सोचते हैं।
इस पर राहुल ने कहा कि मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है। गांधी किसी से माफी नहीं मांगता।
कांग्रेस के नेताओं ने सवाल किया कि क्या गुजरात के मंत्री पूर्णेश मोदी खुशबू सुंदर के खिलाफ मामला दर्ज करेंगे।
बता दें कि खुशबु ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन कर लिया था।
फिलहाल वो राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य हैं। कांग्रेस ने लोकसभा से राहुल गांधी सदस्यता रद्द करने के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है,
जबकि सूरत कोर्ट के आदेश को वह हाईकोर्ट में चुनौती देगी।
राहुल गांधी के वकील ने बचाव किया था कि टिप्पणी जानबूझकर नहीं की गई थी और इससे शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी मानहानि नहीं हुई।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी पटना में राहुल गांधी के खिलाफ इसी तरह का मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
इन्होंने ने भी राहुल गांधी की टिप्पणी से आहत होने की बात कही थी।
‘अयोग्य ठहराए जाने से मुझे फर्क नहीं पड़ता’

राहुल ने कहा, ‘‘मुझे अयोग्य ठहराया गया, क्योंकि प्रधानमंत्री मेरे अगले भाषण से डरे हुए थे जो अदाणी पर होने वाला था।
मैंने उनकी आखों में यह डर देखा है।’’ उन्होंने कहा कि मुझे सदस्यता मिले या नहीं मिले।
मुझे स्थायी रूप से अयोग्य ठहरा दें, मुझे फर्क नहीं पड़ता कि संसद के अदंर रहूं या नहीं रहूं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष का कहना था।
राहुल ने कहा, “मैं सच्चाई को देखता हूं, सच्चाई बोलता हूं। यह बात मेरे खून में है…यह मेरी तपस्या है, उसको मैं करता जाऊंगा।
चाहे मुझे अयोग्य ठहराएं, मारे-पीटें, जेल में डालें, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, मुझे अपनी तपस्या करनी है।’’
उन्होंने दावा किया कि उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इससे डरे हुए थे कि वह सदन में अडाणी मामले पर अपना अगला भाषण देने वाले थे।
मेरी स्पीच से डर गए
राहुल ने कहा की पीएम नरेंद्र मोदी मेरी स्पीच से डर गए। मैं अपनी अगली स्पीच में गौतम अडानी पर बयान देने वाला था।
लेकिन, मुझे बोलने नही दिया गया। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि पीएम मोदी मुझसे डर गए।
राहुल गांधी ने कहा कि, उन्हे आरोग्य घोषित किया गया है। क्योंकि पीएम मोदी अडानी पर अपने अगले भाषण से डरे हुए हैं।
राहुल गांधी ने कहा, “मैंने इसे उनकी आंखों में देखा हैं”। कहा, “मैं यहां लोगो के लोकतांत्रिक अधिकारों के रक्षा के लिए हूं। मैं उनसे डरता नहीं हूं।
यहां मेरे इतिहास में नही है। मैं पूछता रहूंगा की अडानी और नरेंद्र मोदी के बीच संबंध क्या हैं”।
राहुल ने ओबीसी समुदाय के अपमान करने के भाजपा के आरोप पर कहा कि मैंने हमेशा भाईचारे की बात की है, यह ओबीसी के बारे में नहीं है।
अयोग्य ठहराने, मंत्रियों द्वारा आरोप लगाने का पूरा खेल अदाणी मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए खेला गया।
अगर वे मुझे स्थायी रूप से भी अयोग्य करार दे देते हैं तब भी मैं अपना काम करता रहूंगा।
मैं यहां भारत के लोगों की लोकतांत्रिक आवाज की रक्षा करने के लिए हूं। ऐसा करता रहूंगा, मैं किसी से नहीं डरता।
राहुल गांधी ने कहा, “मेरे बारे में मंत्रियों ने झूठ बोला, जबकि मैंने कोई ऐसी बात नहीं की थी जिसका दावा किया गया था।
मैंने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि मुझे जवाब देने का मौका मिले।
मैं स्पीकर के चैंबर में गया। मैंने कहा कि यह कानून है, नियम है। इन लोगों ने झूठा आरोप लगाया है।
आप मुझे बोलने क्यों नहीं दे रहे? स्पीकर साहब मुस्कुराए और उन्होंने कहा कि मैं ऐसा नहीं कर सकता।”