कहा जाता है सफलता पाने से मुश्किल है उसे बनाए रखना। आज हम आपको 7 ऐसे सफल बिलेनियर लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अर्श पर से फर्श आ गए।
तो आइए शुरु करते हैं
1.नीरव मोदी
नीरव मोदी का नाम आपने जरुर सुना होगा, नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक से 8 किश्तो में 14000 करोड़ रुपए का लोन देश छोड़कर भाग गए। नीरव पर पंजाब नेशनल बैंक ने आरोप लगाया है कि उन्होने 2011 और 2017 के बीच बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर बैंक से आर्थिक हेराफेरी की।
आपको बता दें कि नीरव मोदी के दादा जी केशवलाल मोदी ने 1930-40 में हीरे का व्यापार शुरु किया. इसके बाद पिता दीपक केशवलाल मोदी ने इसे आगे बढ़ाया। 19साल के नीरव अमेरिका में पढ़ाई कर रहे थे तभी उनके घर की आर्थिक हालात कमजोर हो गई। उन्होने पढ़ाई बीच में ही छोड़कर अपने पुश्तने धंधे को आगे बढ़ाया। नीरव ने अपने चाचा के साथ काम करना शुरु किया उन्हे 12 घंटे काम पड़ते थे जिसके बदले 3500 प्रति महीने मिलता था।
आखिरकार 1999 में नीरव मोदी ने 50 लाख की इनवेस्टमेंट से फायर स्टार कंपनी शुरु किया। वे पॉलिश किए गए हीरे को अमेरिका और इंग्लैंड के बाजारों में बेचने लगे। उनका बिजनेस अच्छा चल रहा था तभी चीनी व्यापारियों ने अमेरिका में टक्कर देना शुरु किया तभी नीरव मोदी ने फायर स्टार से 7 गुना कपनी फ्रेडरिक गोल्डमैन को 1 अरब 60 करोड़ में खरीदा.
नीरव की चारों तरफ चर्चा होंनी लगी। 2017 के फोर्ब्स के बिलेनियर लिस्ट में 85 वें नम्बर थे।
सबको इनका असली चेहरा 2018 में देखने को मिला जब ये मनी लांड्रिंग और बैंक से ठगी के बाद लंदन भाग गए। आज उनकी हालात ऐसी हो गई है उनके पास पिज्जा खाने के भी पैसै नहीं है.
2. मेहुल चौकसी
मेहुल चौकसी पर फर्जी तरीके से फॉरेन लेटर ऑफ क्रेडिट बढ़वाकर 13 हजार करोड़ का घोटाला का आरोप है।
मेहुल चौकसी का जन्म 5 मई 1959 में जैन परिवार में हुआ। 1975 में जेम्स एवं ज्वैलरी सेक्टर से अपने कैरियर की शुरुआत की. करीब दस साल बाद अपने पिता के बिजनेस गीतांजलि जेम्स को संभाला और गीतांजलि जेम्स को काफी सफलताएँ दिलाई। उन्होने 70 से अधिक ब्रांड बनाए जिसमें 20-30 काफी पॉपुलर हुए।
गीतांजलि के चीन में भी 20 स्टोर थे। गीताजंलि जेम्स की सलाना कमाई 13 हजार करोड़ थी जो मेहुल चौकसे के घोटाले के बाद बंद हो गया।
मेहुल चौकसी 2018 में देश छोडने से पहले कैरिबाई एंटीना एंड बारबुडा की नागरिकता ले चुके थे उन्हे सीबीआई भारत लाने का प्रयास कर रही है।
3. नरेश गोयल, जेट एयरवेज
एक समय में 300₹ महीने की नौकरी करने वाले नरेश गोयल ने जेट एयरवेज को इंडिया का नम्बर वन एयरलाइन बनाया लेकिन उसकी सफलता को बरकरार नहीं रख पाए.
नरेश 18 साल की उम्र में परिवार को आर्थिक सहायता देने के लिए दिल्ली आ गए और आजीविका के लिए ट्रैवल एजेंसी में नौकरी कर ली यह एजेंसी उनके चचेरे नाना की थी। यहाँ उन्हे 300₹ की सैलरी मिलती थी। लेकिन नरेश का सपना हमेशा से बड़े थे। यहाँ काम करते हुए उन्हे इस इंडस्ट्री का पूरा नॉलेज हो गया। यहाँ उन्होने कई सारे दोस्त भी बनाए।
1973 में उन्होने अपना ट्रैवल एजेंसी खोला और नाम रखा जेट एयर। इस नाम पर लोग हंसते थे क्योकिं यह नाम एयरलाईंस कंपनी की तरह लग रही थी लेकिन उन्हे कहा पता थी कि नरेश गोयल असली मकसद एयरलाइंस कंपनी खोलना है। 1991 में जेट एयरवेज एयरलाइस की शुरुआत की।
साल तक 2000 काफी सफलता पाई और इंडियन एयरलाइंस को पीछे छोड़ दिया। लेकिन एयरलाइंस कंपनियों के बीच भी कम्पीटशन बढ़ रही थी।
2012 में इंडिगों ने जेट एयरवेज को पीछे छोड़ दिया। 2013 तक कंपनी प्रॉफिट में थी लेकिन 2014 में घाटा हुआ फिर कंपनी लॉस कवर किया
फिर 2018 में कंपनी ने नुकसान की जानकारी दी। पायलटों की वेतन रुक गई और जेट एयरवेज दिवालिया होने के कगार पर आ गई। मार्च 2019 में नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से रिजाइन कर दिया।
4. सुब्रत राय, सहारा ग्रुप
कभी स्कूटर पर स्नैक्स बेचने वाले सुब्रुत राय ने ने सिर्फ 36 सालों में 1.5 लाख करोड़ का एम्पायर बना दिया आज उनकी कंपनी दिवालिया हो चुकी है।
सुब्रत ने साल 1978 में सहारा इंडिया की शुरुआत की, कम ही समय में कम्पनी को बुलंदियों पर पहुँचा दिया। सहारा ने फाइनेंस, रीयल इस्टेट, मीडीया, हेल्थ केयर, एंटरनमेंट, कंज्यूमर गुड्स और टूरिज्म में भी अपने बिजनेस का एक्सपैंड किया।
सहारा ने भारत में अलग अलग शहरों में 746 एकड़ जमीन खरीदी।
धीरे धीरे सहारा देश के प्रतिष्ठित कंपनी में से एक बन गई।
सहारा काफी समय तक भारतीय क्रिकेट और भारतीय हॉकी टीम का स्पॉन्सर रहा। इसके अलावा सहारा ने फॉर्मूला वन टीम में शेयर खरीदा।
सुब्रत रॉय के सफलता के चर्चे टाइम मैग्जीन तक में होने लगे थे किसी को कहा पता था कि देश की प्रतिषिठ्त कंपनी डूबने वाली है। 2008 में कंपनी ने आइपीओ लाने का सोचा। किसी भी कंपनी को आईपीओ लाने से पहले कंपनी की पूरी जानकारी सेबी को देनी होती है। सेबी उसे वेरिफाई करती है।
लेकिन सेबी को सहारा ग्रुप के कंपनियों में गड़बड़ी दिखाई दी और कंपनी को इनवेस्टर से पैसा लेने के लिए बैन लगा दी।
सहारा ग्रुप को इससे झटका लगा और उन्होने इस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुहार लगाई लेकिन कोर्ट ने सेबी को सही बताया. सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय से जुटाए गए पैसै का हिसाब मांगा लेकिन कंपनी दे नहीं पाई।
मार्च 2014 को सुब्रत रॉय को गिरफ्तार कर लिया गया।
5. बीआर शेट्टी –
बीआर शेट्टी का जन्म 1 अगस्त 1942 को कर्नाटक में हुआ, वे सत्तर के दशक में मात्र 8 डॉलर लेकर यूएई पहुँचे और मेडिकल रिप्रेंटेटिव के रुप में काम करना शुरु कर दिया। 1970 में एनएमसी हेल्थकेयर की शुरुआत की और उन्होने खूब सफलता हासिल की।
धीरे धीरे उन्होने हेल्थकेयर, हॉस्पिलिटी, रियल इस्टेट में भी इनवेस्ट किया। साल 2012 में उनकी कम्पनी लंदन स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हुए।
बीआ शेट्टी यूएई के टॉप अमीरों में से एक थे। लेकिन उन पर मनी लांड्रिंग और फ्रॉड का आरोप लगाया गया। उनकी सम्पति कम्पनी के सम्पति से अधिक पाया गया और उन्हे दिवालिया घोषित कर दिया गया।
6. अनिल अंबानी
आज मुकेश अंबानी भारत ही नहीं दुनिया के टॉप अमीरों में से एक है और अनिल अंबानी का नाम भी गुमनाम होते जा रहा है।
एक समय अनिल अंबानी दुनिया के अमीरों के लिस्ट में छठे नंबर पर पहुँच गए थे।
2004 के टेलीकॉम बिजनेस को लेकर दोनों भाइयों में विवाद हुआ और एक साल बाद 2005 में बटवारा हो गया। अनिल अंबानी को रिलायंस इन्फोकॉम दिया गया जिसे नाम बदलकर आर.कॉम किया गया।
लेकिन अनिल R.com को सफलता नहीं दिला पाए, एक के बाद एक नुकसान के कारण कंपनी दिवालिया हो गया, हलाकिं 2016 में R.com ने एयलसेल के साथ विलय का भी प्रयास किया लेकिन बात नहीं बन पाई।

7. विजय माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस
सातवें नम्बर हैं विजय माल्या जो 9000 करोड़ का घोटाला करके विदेश भाग गया।
विजय माल्या का जन्म साल 1955 में हुआ, इनके पिता विट्ठुल माल्या भी बिजनैसमेन थे।
आपको बता दें आज सरकार जिस माल्या के पीछे पड़ी है वे एक समय राज्यसभा का सांसद था। विजय 1983 में पिता की मृत्यू के बाद 28 साल की उम्र में UB समूह के अध्यक्ष बने। इसके बाद उन्होने कंपनी के पोर्टफोलियों का विस्तार करना शुरु कर दिया।
विजय माल्या ने 2005 में किंगफिशर एयरलाइंस की शुरुआत की। इसके अलावा उन्होने फॉर्मूला वन टीम और आइपीएल टीम ( आरसीबी) के भी शेयर खरीदे।
2012 में एयरलाइन भारी कर्ज तले दब गया।करीब 100 पायलटों को नौकरी से निकाला गया. कंपनी दिवालिया हो गया।
किंगफिशर एयरलाइंस के विफलता के बाद भी देश के रिचेस्ट आदमी में से एक थे। विजय माल्या 2016 में 17 बैंक से करीब 9000 हजार करोड़ का लोन लेकर देश से भाग गए।