आज से लगभग 5 साल पहले शहडोल नगर पालिका को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी लेकिन आज तक नगरपालिका इस जमीन पर अपना आधिपत्य नहीं ले पाई है। नगर पालिका के पास सारी सुविधाएं व संसाधन होने के बाद भी अभी तक पात्र लोगों को उनका घर नहीं मिल पाया है।
नगर पालिका द्वारा इस जमीन पर न तो सीमांकन कराया गया था, ना ही बाउन्ड्री बनवाई गई थी। नतीजा यह हुआ कि इस जमीन पर व्यक्तिगत कब्जे हो गए और लोगों ने प्लाटिंग करके जमीन को बेचना शुरू कर दिया। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत 2016-17 में वार्ड नंबर 22/29 के नरसरहा एरिया में नगर पालिका को कुछ भूमि आवंटित की गई थी।
इस स्थान पर आवंटित भूमि का बोर्ड भी लगाया गया था और 2022 तक यहां मकान बनवा कर लोगों को आवास देने की योजना भी तैयार की गई थी। लेकिन परिषद का कार्यकाल खत्म होते यह पूरी योजना धराशाई हो गई।
वर्ष 2017 में यह योजना लागू हुई थी और 2022 तक लोगों को यहां आवास उपलब्ध कराना था, लेकिन 4 साल से भी ज्यादा का वक्त बीत चुका है और अभी भी 1200 से अधिक ऐसे भूमिहीन पात्र हैं जिन्हें आवास नहीं मिल पाया है। नगर पालिका क्षेत्र में 687 लोगों को ही मकान निर्माण की तीसरी किस्त मिल पाई है। बाकी सभी पात्र इससे वंचित हैं।
इस विषय पर शहडोल की नगर पालिका अध्यक्ष उर्मिला कटारे ने प्रशासन का बचाव किया है और यह भरोसा दिलाया है कि भूमि का जायजा लिया जा रहा है। साथ ही अतिक्रमण हटाने की कोशिश हो रही है।
योजना के 4 वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक लोगों को उनका आवास नहीं मिल पाया है। इसी रफ्तार से यदि काम हुआ तो आने वाले कई सालों तक भी लोगों को आवास के लिए इंतजार करना होगा। नगर पालिका को जल्द से जल्द इस विषय में कार्यवाही करनी चाहिए।