प्रेग्नेंसी के दौरान अगर होने वाली मां ऐल्कॉहॉल यानी शराब का सेवन करती है तो उसके गर्भ में पल रहे बच्चे का जन्म के समय वजन काफी कम हो जाता है और बच्चे पर काफी बुरा प्रभाव भी पड़ता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान सिगरेट-शराब का सेवन कितना हानिकारक है ये तो हम सब जानते हैं।
लेकिन कई बार बहुत सी महिलाएं जो प्रेग्नेंट होने से पहले सिगरेट या शराब पीती थीं।
वह अपनी इच्छाओं को कंट्रोल नहीं कर पातीं और उन्हें एक लगता है कि थोड़े ऐल्कॉहॉल या स्मोकिंग से क्या फर्क पड़ेगा?
हम आपको बता दें कि अगर आपकी या आपकी किसी दोस्त या रिलेटिव जो प्रेग्नेंट हैं और उनकी सोच ऐसी है तो आप उन्हें प्रेग्नेंसी में शराब पीने के खतरों के बारे में जरूर बताएं।

हाल ही के एक अध्ययन से पता चला है कि जो महिलाएं गर्भावस्था के दौरान थोड़ी सी भी शराब पीती हैं, उनमें से बच्चे के चेहरे की बदलाव होने की संभावना अधिक होती है।
जब बीआरओ ने एक वर्ष के बच्चों के लिए चेहरे की खिंचाई से डेटा की जांच की, तो उन्होंने बच्चों के चेहरे में ज्यादातर नाक, आँखें और चपटी के लगभग सभी स्तरों पर शराब से जुड़ी छोटी छोटी परिवर्तन देखे, चाहे शराब केवल पहले के दिनों में पी हो या गर्भावस्था के दौरान।
एक नई स्टडी के अनुसार, गर्भवती होने से पहले के महीनों में शराब का सेवन बच्चे का चेहरा बिगाड़ सकता है।
इस स्टडी के लिए शोधकर्ताओं ने 9 और 13 साल की उम्र में बच्चों के चेहरों की 3D तस्वीरों का एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए शोध किया।
शोधकर्ताओं ने गर्भावस्था के प्रारंभिक, मध्य और लेट प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं से प्रश्नों के माध्यम से कुछ सवाल पूछे गए।
इनमें महिलाओं द्वारा एल्कोहल कंजप्शन यानी शराब के सेवन से जुड़े प्रश्न शामिल थे।
शोधकर्ताओं की टीम ने गर्भावस्था से पहले के तीन महीनों में शराब का सेवन करने का संबंध बच्चों के चेहरे के आकार से पाया।
शराब और नाक का संबंध
रिसर्च से पता चलता है कि, जिन बच्चों की माताओं ने गर्भवती होने से पहले प्रति सप्ताह एक छोटे गिलास शराब का सेवन किया था, उन बच्चों में नुकीली नाक, छोटी नाक या मुड़ी हुई ठुड्डी होने की संभावना अधिक थी।
महिलाओं ने शराब का जितना अधिक सेवन किया, ये बदलाव उतने ही ज्यादा थे।
वहीं, जो महिलाएं गर्भवती होने पर कम मात्रा में शराब पीना जारी रखती हैं, उनके बच्चों के चेहरे में ऐसे बदलाव की संभावना बढ़ जाती है।
गर्भधारण में शराब को बोले ‘NO’
इस रिसर्च स्टडी को स्टडी करने वाले प्रोफेसर गेन्नेडी रोशचुपकिन ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान शराब के सेवन का कोई सुरक्षित स्तर तय नहीं है कि कितनी मात्रा तक शराब पीनी चाहिए।
मां और गर्भ में पल रहे बच्चे, दोनों के बेहतर स्वास्थ्य और विकास के लिए गर्भधारण से पहले ही शराब का सेवन बंद करने की सलाह दी जाती है।
स्टडी में आए परिणाम में नौ वर्ष की आयु के बच्चों के लिए सही थे, जबकि बच्चों के 13 साल की उम्र में पहुंचने पर इनका कोई महत्वपूर्ण लिंक नहीं मिला।
रिसर्चर्स ने सुझाव दिया कि अन्य फैक्टर्स या ग्रोथ पैटर्न बच्चों के बड़े होने पर हुए बदलावों को कम कर सकते हैं।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस रिसर्च स्टडी के रिजल्ट महत्वपूर्ण हैं क्योंकि बच्चों के चेहरे का आकार उनके स्वास्थ्य और डेवलपमेंटल प्रॉब्लम्स का संकेत हो सकता है।