आपने तो कई जाने माने स्कूल और कॉलेज के बारे में सुना ही होगा।
भारत में शिक्षा प्रणाली में समय के साथ साथ काफी परिवर्तन देखा गया है।
मां बाप द्वारा अपने बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा हेतु एक ऐसे स्कूल की तलाश रहती है जहाँ उनके बच्चे को किताबी शिक्षा ही नहीं बल्कि नैतिक मूल्यों की सीख भी दी जा सके।
बोर्डिंग स्कूलों ने शिक्षा की पुरानी-पारंपरिक अवधारणाओं को बदल दिया है।
इसने सीखने के क्षेत्र में एक और आयाम दिया है। भारत में बोर्डिंग स्कूलों की अवधारणा काफी महत्वपूर्ण है ।
भारत में ये बोर्डिंग स्कूल खास क्यों हैं और आजकल हर माता-पिता और बच्चे की एक शीर्ष पसंद बन गए हैं, इसके कई कारण हैं।
वर्तमान में यह चलन बदल रहा है क्योंकि कामकाजी वर्ग के परिवारों के बच्चे भी इन बोर्डिंग स्कूलों की ओर रुख कर रहे हैं।
1. द दून स्कूल (देहरादून)
यह बोर्डिंग स्कूल ऑल ब्वॉएज स्कूल (The Doon School Dehradun) है जहाँ पर सिर्फ लड़के ही एड्मिशन ले सकते हैं।
यह स्कूल इंटरनेशनल लेवल के स्नातक (आईबी) से भी सम्बंधित है।
द दून स्कूल लड़कों को उनके Intellectual और artistic इंट्रेस्ट को विकसित करने और उनके skill को बढ़ाने में सहायता करता है।
इस स्कूल राजीव गांधी, राहुल गांधी, करण थापर,जैसे प्रसिद्ध लोगों ने अपनी पढ़ाई की है।
2. यूडब्ल्यूसी महिंद्रा कॉलेज (पुणे)
महिंद्रा यूनाइटेड वर्ल्ड कॉलेज पुणे भी भारत के प्रसिद्ध बोर्डिंग स्कूलों में से एक है।
इसकी स्थापना 1997 में की गयी थी। इसे 16-19 साल के बच्चों के लिए शुरू किया गया है।
यूडब्ल्यूसी महिंद्रा कॉलेज (पुणे) सह्याद्री पहाड़ियों में 175 एकड़ में बनाया गया है।
इस Boarding School में बच्चों के लिए शैक्षणिक भवनों के साथ साथ खेल, चिकित्सा जैसी अनेक सुविधाएँ मौजूद हैं।
3. जैन इंटरनेशनल रेजिडेंशियल स्कूल, (JIRS) बैंगलोर
जैन इंटरनेशनल रेजिडेंशियल स्कूल, (JIRS) बैंगलोर में साल 1999 में स्थापित किया गया था।
यह स्कूल दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य की राजधानी बैंगलोर के बोर्डिंग स्कूलों में से एक है।
जैन इंटरनेशनल रेजिडेंशियल स्कूल, (JIRS) में सीबीएसई, आईजीसीएसई और आईबी पाठ्यक्रम शामिल हैं जो की कक्षा 4 से कक्षा 12 तक के बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करते है।
JIRS में बच्चों को बुनियादी शिक्षा के साथ साथ खेल शिक्षा भी प्रदान की जाती है
4. तुला इंटरनेशनल स्कूल, देहरादून
साल 2012 में स्थापित तुला इंटरनेशनल स्कूल, उत्तराखंड राज्य के देहरादून जिले में है।
यह 24 एकड़ में फैला हुआ है जिसे ऋषभ एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा स्थापित किया गया था।
इस स्कूल के परिसर में कई खेल मैदान हैं। इसे भी भारत के टॉप बोर्डिंग स्कूलों में से एक माना जाता है।
तुला इंटरनेशनल स्कूल को मॉडर्न गुरुकुल नाम से भी जाना जाता है।
स्कूल में 3 अलग-अलग बोर्डिंग हाउस है जिसमें से दो लड़कों के लिए और एक\ लड़कियों के लिए है।
साथ ही इसमें 500 से भी अधिक बैठने की क्षमता वाला एक ऑडिटोरियम , लाइब्रेरी, एक संदर्भ पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशालाएं, कंप्यूटर लैब आदि शामिल हैं।
यह स्कूल आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित है।
तुला इंटरनेशनल स्कूल छात्रों को तैराकी, घुड़सवारी, ताइक्वांडो, फुटबॉल, बैडमिंटन बिलियर्ड्स, में नेशनल ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल एक्सपोजर भी प्रदान करता है।
5. वुडस्टॉक स्कूल, मसूरी
वुडस्टॉक स्कूल, मसूरी भारत के टॉप 10 बोर्डिंग स्कूलों में से एक है जोकि उत्तराखंड के मसूरी से 1 किलोमीटर की दूरी पर 250 एकड़ के परिसर में फैला हुआ है।
इसकी स्थापना 1854 में हुयी थी जो की 1856 से वर्तमान स्थान पर स्थित है।
यह भारत ही नहीं बल्कि विदेशी बोर्डिंग स्कूलों में भी अपनी स्थिति रखता है।
यह स्कूल मसूरी के खूबसूरत हिल स्टेशन में है जोकि उत्तराखंड का टूरिस्ट प्लेस भी है।
यहाँ का वातावरण छात्रों के लिए काफी शांत है।
इस स्कूल को मिडिल स्टेट्स एसोसिएशन ऑफ कॉलेजों और स्कूलों द्वारा संबद्ध किया गया है।
यह कैम्ब्रिज IGCSE और कॉलेज बोर्ड एपी परीक्षा का उपयोग करता है।
इस स्कूल की खास बात यह है की यहाँ देश के ही नहीं बल्कि विदेशी छात्र भी अध्ययन के लिए प्रवेश लेते हैं।
इस बोर्डिंग स्कूल को दुनियाभर में मान्यता प्राप्त है।
अध्ययन के साथ साथ यहाँ इंडोर स्पोर्ट्स जैसे स्विमिंग पूल, नृत्य, नाटक और आउटडोर गेम्स जैसे क्रिकेट, बास्केटबॉल, लॉन टेनिस, हॉकी, तैराकी आदि शामिल हैं।
इस बोर्डिंग स्कूल में विभिन्न वर्गों के लिए वार्षिक शुल्क अलग-अलग होता है।
6. सिंधिया स्कूल, ग्वालियर

भारत के टॉप बोर्डिंग स्कूलों में एक नाम सिंधिया स्कूल का भी है जोकि मध्यप्रदेश के ग्वालियर में स्थित है इस स्कूल की स्थापना 1897 में ग्वालियर फोर्ट के पास की गई थी।
सिंधिया स्कूल की स्थापना का श्रेय माधवराव सिंधिया को जाता है। सिंधिया स्कूल लड़कों के लिए एक बोर्डिंग स्कूल है।
जोकि 110 एकड़ में फैला है और ग्वालियर के ऐतिहासिक ग्वालियर किले में स्थित है।
1897 में ‘सरदार स्कूल’ नाम से सिंधिया स्कूल की स्थापना तत्कालीन महाराजा माधवराव सिंधिया ने की थी।
7. लॉरेंस स्कूल, सनावरी
लॉरेंस स्कूल सनावर ,हिमांचल प्रदेश राज्य में स्थित है।
इस स्कूल की स्थापना 1847 में की गयी थी। यह एक सेह शिक्षा बोअरविंग स्कूल है जोकि सीबीएसई से सम्बद्ध है जहाँ पर देश के कोने कोने से छात्र अध्ययन के लिए आते हैं।
स्कूल में आउटडोर गेम्स जैसे क्रिकेट ,फुटबॉल ,हॉकी ,गोल्फ तथा इनडोर गेम्स केरम बोर्ड ,शतरंज आदि की सुविधा है।
यह स्कूल सनावर में हिमालय की तलहटी में 139 एकड़ जमीन में फैला हुआ है।