भारत में स्मार्ट नगर की कल्पना प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की है।
जिन्होंने देश के 100 नगरों को स्मार्ट नगरों के रूप में विकसित करने का संकल्प किया है।
सरकार ने 27 अगस्त 2015 को 98 प्रस्तावित स्मार्ट नगरों की सूची जारी कर दी है।
स्मार्ट सिटी उनकी सबसे अहम जरूरतों एवं जीवन में सुधार करने के लिए सबसे बड़े अवसरों पर ध्यान केंद्रित करता है।
बदलाव के लिए दृष्टिकोण की श्रृंखला अपनाई जाती है – डिजिटल और सूचना प्रौद्योगिकी, शहरी योजनाओं की सर्वोत्तम प्रथाओं, सार्वजनिक-निजी साझेदारी, और नीति में बदलाव।
हमेशा लोगों को प्राथमकिता दी जाती है।
स्मार्ट सिटी मिशन के दृष्टिकोण में, उद्देश्य ऐसे शहरों को बढ़ावा देने का है जो मूल बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराएँ और अपने नागरिकों को एक सभ्य गुणवत्तापूर्ण जीवन प्रदान करे, एक स्वच्छ और टिकाऊ पर्यावरण एवं ‘स्मार्ट’ समाधानों के प्रयोग का मौका दें।
विशेष ध्यान टिकाऊ और समावेशी विकास पर है और एक रेप्लिकेबल मॉडल बनाने के लिए है जो ऐसे अन्य इच्छुक शहरों के लिए प्रकाश पुंज का काम करेगा।
स्मार्ट सिटी मिशन ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए है जिसे स्मार्ट सिटी के भीतर और बाहर दोहराया जा सके, विभिन्न क्षेत्रों और देश के हिस्सों में भी इसी तरह के स्मार्ट सिटी के सृजन को उत्प्रेरित किया जा सके।
क्वालिटी ऑफ लाइफ
• संपादित करें
• किफायती घर
• हर तरह का इन्फ्रास्ट्रक्चर
• पानी और बिजली चौबीसों घंटे
• शिक्षा के विकल्प
• सुरक्षा
• मनोरंजन और स्पोर्ट्स के साधन
• आसपास के इलाकों से अच्छी और तेज कनेक्टिविटी
• अच्छे स्कूल और अस्पताल
निवेश ( इन्वेस्टमेंट)
• संपादित करें
• मानव संसाधन और प्राकृतिक संसाधन के मुताबिक पूरा निवेश
• बड़ी कंपनियों को वहां अपनी उद्योग लगाने के लिए सुविधाएं और सहूलियत मिले।
• टैक्स का ज्यादा बोझ न हो।
रोजगार
• स्मार्ट नगर में इन्वेस्टमेंट ऐसा आए जिससे वहां या आसपास रहने वाले लोगों को रोजगार के पूरे मौके।
• स्मार्ट नगर के अंदर रहने वालों को अपनी आमदनी के लिए उस इलाके से ज्यादा दूर नहीं जाना पड़े
स्मार्ट सिटी के मानक
ट्रान्सपोर्ट
• स्मार्ट सिटी के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान जाने का ट्रैवल टाइम 45 मिनट से ज्यादा न हो।
• कम से कम 2 मीटर चौड़े फुटपाथ।
• रिहाइशी इलाकों से 800 मीटर की दूरी या 10 मिनट वॉक पर बस या मेट्रो की सुविधा।
आवास
• 95 फीसदी आवासीय इलाके ऐसे हों जहां 400 मीटर से भी कम दूरी पर स्कूल, पार्क और मनोरंजन पार्क मौजूद हों।
• 20 फीसदी मकान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए हों।
• कम से कम 30 फीसदी आवासीय और व्यवसायिक क्षेत्र बस या मेट्रो स्टेशन से 800 मीटर की दूरी के दायरे में ही हों।
बिजली और पानी
• स्मार्ट सिटी में 24×7 पानी और बिजली सप्लाई हो।
• 100 फीसदी घरों में बिजली कनेक्शन हों। सारे कनेक्शनों में मीटर लगा हो।
• लागत में नुकसान न हो। यानी कोई बिजली-पानी चोरी न कर पाए।
• प्रति व्यक्ति कम से कम 135 लीटर पानी दिया जाए।
शिक्षा
• 15 फीसदी इलाका एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के लिए हो।
• हर 2500 लाेगों पर एक प्री-प्राइमरी, हर 5000 लोगों पर एक प्राइमरी, हर 7500 लोगों पर एक सीनियर सेकंडरी और हर एक लाख की आबादी पर पहली से 12वीं क्लास तक का एक इंटिग्रेटेड स्कूल हो।
• सवा लाख की आबादी पर एक कॉलेज हो।
• 10 लाख की आबादी पर एक यूनिवर्सिटी, एक इंजीनियरिंग कॉलेज, एक मेडिकल कॉलेज, एक प्रोफेशनल कॉलेज और एक पैरामेडिकल कॉलेज हाे।
स्वास्थ्य
• स्मार्ट सिटी में इमरजेंसी रिस्पॉन्स टाइम 30 मिनट से ज्यादा न हो।
• हर 15 हजार लोगों पर एक डिस्पेंसरी हो।
• एक लाख की आबादी पर 30 बिस्तरों वाला छोटा अस्पताल, 80 बिस्तरों वाला मीडियम अस्पताल और 200 बिस्तरों वाला बड़ा अस्पताल हो।
• हर 50 हजार लोगों पर एक डायग्नोस्टिक सेंटर हो।
वाईफाई कनेक्टिविटी
• 100 फीसदी घरों तक वाईफाई कनेक्टिविटी हो।
• 100 एमबीपीसी की स्पीड पर वाईफाई पर मिले।
25 जून, 2015 में देश के प्रधानमंत्री द्वारा लॉन्च किये गए स्मार्ट सिटी मिशन का मुख्य उद्देश्य देश के 100 शहरों को स्मार्ट शहरों में बदलना है।
यह एक शहरी विकास कार्यक्रम है। इनमें रहने वाले नागरिकों के लिए इन शहरों में जरुरत की सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
स्मार्ट सिटीज मिशन (Smart City Mission) के अंतर्गत बनाये जा रहे इन शहरों में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके नागरिकों की लाइफस्टाइल को सुधारने का काम किया जाएगा।
2011 की जनगणना में एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत की लगभग 31% आबादी शहरों में रहती है, और वे GDP में 63% योगदान करते हैं।
ऐसा माना जाता है कि 2030 तक भारत के लगभग 40% लोग शहरों में रह रहे होंगे और GDP में 75% का योगदान करेंगे।
भारत सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 100 शहरों और कस्बों में रहने वाले लोगों जीवन की लाइफस्टाइल में सुधार किया जाएगा।
आइए समझते हैं कि स्मार्ट सिटी मिशन (Smart City Mission) क्या है, इसका विजन क्या है, इसमें क्या चुनौतियाँ हैं और शहरों की लिस्ट क्या है।
स्मार्ट सिटी मिशन
स्मार्ट सिटीज मिशन (Smart City Mission) भारत सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य अच्छे तरीकों, सूचना एवं डिजिटल टेक्नोलॉजी, और अधिक सार्वजनिक-निजी
भागीदारी के ज़रिेए शहरों तथा कस्बों में लोगों के जीवन स्तर में सुधार करना है।
स्मार्ट सिटी मिशन को 25 जून, 2015 को लॉन्च किया गया था तथा इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉन्च किया था।
मिशन को लागू करने की जिम्मेदारी केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की है।
साथ ही, प्रत्येक राज्य में CEO की अध्यक्षता में एक स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) बनाया जाता है; वे मिशन के कार्यान्वयन की देखभाल करते हैं।
मिशन को सफल बनाने हेतु 7,20,000 करोड़ रुपये की फंडिंग दी गई है।
पांच चरणों में देश भर में 100 शहरों का चयन किया जाता है। इन शहरों को क्षेत्र विकास योजना के तहत अपग्रेड किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में भारत के सभी राज्य पश्चिम बंगाल को छोड़कर शामिल हैं।
पश्चिम बंगाल ने केंद्र और राज्य सरकार के बीच राजनीतिक मतभेदों के कारण भाग नहीं लिया है।
महाराष्ट्र में, मुंबई और नवी मुंबई ने अपनी भागीदारी वापस ले ली है।

चुनौतियां
1. यह पहली बार है जब एक एमओयूडी कार्यक्रम के वित्त पोषण के लिए शहरों का चयन करने के लिए ‘चैलेंज’ या प्रतियोगिता विधि का उपयोग और क्षेत्र के आधार पर विकास की एक रणनीति का प्रयोग किया गया है।
यह ‘प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद’ की भावना को दर्शाता है।
2. राज्य और शहरी स्थानीय निकायों को स्मार्ट सिटी के विकास में एक महत्वपूर्ण सहायक भूमिका निभानी होगी।
इस स्तर पर स्मार्ट नेतृत्व और दृष्टि एवं निर्णायक कार्रवाई करने की क्षमता मिशन की सफलता का निर्धारण करने में महत्वपूर्ण कारक होगी।
3. नीति निर्माताओं, कार्यान्वयन करने वालों एवं अन्य हितधारकों द्वारा विभिन्न स्तरों पर रेट्रोफिटिंग की अवधारणाओं को समझना, पुनर्विकास और ग्रीनफील्ड विकास हेतु क्षमता सहायता की जरूरत होगी।
चैलेंज में भाग लेने से पूर्व योजना बनाने के दौर में ही समय और संसाधनों में प्रमुख निवेश करना होगा। यह पारंपरिक डीपीआर संचालित दृष्टिकोण से अलग है।
4. स्मार्ट सिटी मिशन को सक्रिय रूप से प्रशासन और सुधारों में भाग लेने वाले स्मार्ट लोगों की आवश्यकता है।
नागरिक भागीदारी शासन में एक औपचारिक भागीदारी की तुलना में काफी अधिक है।
स्मार्ट लोगों की भागीदारी आईसीटी के बढ़ते उपयोग, विशेष रूप से मोबाइल आधारित उपकरणों के माध्यम से स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) द्वारा सक्रिय किया जायेगा।