यूपी में अवैध घरों पर बुल्डोजर चलाने की अब अमेरीका में की जाने लगी है। आपको बता दें यूपी सरकार अवैध घर, दुकान पर बुल्डोजर चलवाकर उन्हे धव्स्त करवा देती है जिस कारण योगी आदित्यनाथ को बुल्डोजर बाबा भी कहा जाता है।
आइए जानते हैं अमेरिका में क्यों हो बुल्डोजर की चर्चा?
हाल ही अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने मानवाधिकार को लेकर अपना रिपोर्ट जारी किया है. यह रिपोर्ट हर साल सभी देशों पर नजर रखने के बाद रिलीज किया जाता है। इसमें हर देश के मानवाधिकार हालातों को लेकर डिटेल्स दिया जाता है. इस रिपोर्ट में भारत की भी बात की गई है जो मौजूदा सरकार के बिल्कुल खिलाफ है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अल्पसंख्यक समुदायों, विपक्ष और पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है। लोगों के घर पर बुल्डोजर चलवाकर उनकी आजीविका छींनी जा रही है,उन्हे बेघर किया जा रहा है।
आपको बता दें भारत वर्ल्ड फ्रीडम इंडेक्स में 150 वें स्थान पर है जो चिंता का विषय है.
इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है भारत में 20 करोड़ मुस्लिम को डराया जा रहा है, 2022 में जिस दुकानों और घरों को इलीगल बताकर गिराया गया था, उनमें से अधिकतर मुस्लिम के ही घर या दुकान थी।

इस रिपोर्ट में पत्रकारों और कैदियों के लिए क्या कहा गया है
अमेरिकि विदेश मंत्रालय के इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में सरकारी एजेंसी इलीगल और मनमाने ढंग से हत्याएँ करती है. जेलों में कैदियों के साथ क्रूर और अमानवीय व्यवहार किया जाता है। विपक्ष को हिरासत में लिया जाता है, मीडीया से आजादी छीनी जाती है. पत्रकारों को अरेस्ट किया जाता है। अभिव्यक्ति की आजादी को दबाया जा रहा है, इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी जाती है.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य और केंद्र सरकार ने UAPA का गलत उपयोग किया है, इस कानून के सहारे मानवधिकार कार्यकर्ता और पत्रकारों को मनमाने ढंग से अरेस्ट कर जेल में लम्बे समय तक रखा जाता है.
आपको बता दें कि UAPA कानून के तहत एजेंसी किसी व्यक्ति को टेरिस्ट या देश विरोधी एक्टिविटी के शक में बिना कोई आरोप लगाए 180 दिनों तक हिरासत में रख सकती है। इसमें जमानत काफी मुश्किल होता है।
2018-20 में 4690 लोगों को UAPA कानून के तहत हिरासत में लिया गया जिसमें सिर्फ 149 ही दोषी पाए गए.
आपको बता दें 2021 में कोर्ट ट्रायल के इंतजार में 70% कैदियों को तीन महीने या उससे अधिक समय तक जमानत नहीं मिल सकी.
इस रिपोट के अनुसार 2022 में न्यायिक हिरासत में कुल 2116 लोगों की मौत हुई, जो 2021 के मुकाबले में 12% अधिक है।
हलाकिं इनमें से अधिकतर मौत प्राकृतिक कारणों से हुई। हिरासत में सबसे अधिक मौत बिहार और यूपी में हुआ।
इस रिपोर्ट पर भारत की कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है। आपको बता दें अमेरिका आमतोर भारत की आलोचना नहीं करता है क्योकिं दोनों देश के रिश्ते काफी अच्छे हैं, अमेरिका को भारत से व्यापार की काफी संभवाएनाएँ दिखती है.
हलांकिं पिछले साल अमेरिका की विदेश मंत्री ब्लिकंन ने कहा था कि वह भारत में हो रही सभी एक्टिविटी पर नजर बनाएँ हुए है, खासकर मानवाधिकार मामले पर।इस दौरान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे।