मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कुपोषण से निपटने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम चलाए जाते रहे हैं। इसी कड़ी में पोषण पुनर्वास केंद्र में गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों की देखभाल का भी प्रबंध किया गया है। लेकिन इस कार्य के लिए जिन महिला पोषक प्रशिक्षक कार्यकर्ताओं का को रखा गया है, उनको समय पर वेतन ना मिलने का मामला सामने आया है।
घटना अनूपपुर जिले के राजेंद्रग्राम के करपा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की है। जहां महिला पोषक कार्यकर्ताओं को पिछले 5 महीनों से वेतन नहीं दिया गया है। इन महिला कार्यकर्ताओं की पूरी जीविका इसी वेतन पर निर्भर करती है। इस तरह समय पर इन्हें वेतन ना मिलने से उन्हें कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
महिला कार्यकर्ता पहले तो 5 महीनों तक अपने वेतन मिलने का इंतजार करती रहीं। लेकिन जब उनके सब्र का बांध टूटा तो पिछले 3 अगस्त को महिलाओं ने पुष्पराजगढ़ के एसडीएम को शिकायत पत्र लिखा। प्रशासन की ओर से कार्यकर्ताओं को एक सप्ताह के अंदर भुगतान किए जाने का भरोसा दिया गया, लेकिन लगभग 24 दिन बीत जाने के बाद भी उन्हें भुगतान नहीं किया गया है।
प्रशासन के नियम कानूनों में लगातार बदलाव किए जाते हैं इससे पहले वेतन की राशि राजेंद्रग्राम के सामुदायिक स्वास्थ्य केंwद्र से मिलती थी, लेकिन वर्तमान में इसका टेंडर ठेकेदारों को दिया जा चुका है। ठेकेदार कार्यकर्ताओं को भुगतान करने में आनाकानी कर रहे हैं। वेतन का भुगतान संबंधित ठेकेदार के मैनेजर अनिल कुमार यादव द्वारा किया जाना था, लेकिन फरवरी माह से इन कार्यकर्ताओं का वेतन फंसा हुआ है।
हमारी जानकारी है कि जिले के अन्य विकास खंडों और ब्लॉकों में महिला प्रशिक्षक कार्यकर्ताओं का वेतन का भुगतान कर दिया गया है जबकि पुष्पराजगढ़ विकासखंड के कार्यकर्ताओं का वेतन पिछले 5 महीने से लटका हुआ है। महिला कार्यकर्ता यहां वहां से पैसों का इंतजाम करके अपनी जीविका चलाने पर मजबूर हो रहे हैं।
अनूपपुर जिले के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी बीडी सोनवानी जी का कहना है कि शासन को पत्र भेज दिया गया है और जैसे ही विभाग में बजट आएगा वैसे ही कार्यकर्ताओं को उनका वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा। लेकिन तब तक यह महिला कार्यकर्ता किस तरह अपने परिवार का भरण पोषण करें इसका उत्तर प्रशासन नहीं दे रहा है।