- कोरोना काल में परिवार नियोजन कार्यक्रम की रफ्तार सुस्त होती दिखाई पड़ी। शहडोल जिले के कई विकास खंडों में तय लक्ष्य का 10 फ़ीसदी भी नहीं प्राप्त किया गया है। जिले की बुढार ब्लॉक को छोड़ दें तो किसी भी ब्लॉक में दूसरी चौमाही में एक भी नसबंदी नहीं हो सकी।
देश की बढ़ती हुई आबादी को ध्यान में रखकर सरकारों द्वारा लगातार जनसंख्या नियंत्रण के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। परिवार कल्याण नियोजन भी इसी तरह का एक कार्यक्रम है। लेकिन कोरोना काल में इस कार्यक्रम की रफ्तार सुस्त होती दिखाई पड़ी। केवल शहडोल जिले की बात करें तो यहां कई विकास खंडों में तय लक्ष्य का 10 फ़ीसदी भी नहीं प्राप्त किया गया है। जिले की बुढार ब्लॉक को छोड़ दें तो किसी भी ब्लॉक में दूसरी चौमाही में एक भी नसबंदी नहीं हो सकी।
परिवार नियोजन के तहत इस वर्ष शहडोल जिले को कुल 5725 महिला नसबंदी का टारगेट मिला था। इस हिसाब से साल के 4 महीनों में लगभग 1908 नसबंदी की जानी थी। लेकिन इन चार महीनों (अप्रैल से जुलाई तक की दूसरी चौमासी) में बुढार ब्लॉक को छोड़कर किसी भी ब्लॉक में एक भी महिला नसबंदी नहीं की गई। बुढार ब्लॉक में भी जहां 383 महिला नसबंदी का लक्ष्य था वहां केवल 17 नसबंदी ही की गई। व्यवहारी ब्लॉक का जहां चौमासी लक्ष्य 360 था वही गोहपारू का 257, जयसिंह नगर का 347 व सोहागपुर ब्लॉक का 317 था।इन ब्लॉकों में एक भी नसबंदी का मामला नहीं दर्ज किया गया। वहीं पुरुष नसबंदी की बात करें तो इस वर्ष शहडोल जिले को 157 पुरुष नसबंदी का टारगेट मिला था यहां भी तय लक्ष्य का 20 फ़ीसदी परिणाम भी नहीं प्राप्त हो सका। पुरुष नसबंदी के मामले में व्यवहारी ब्लॉक में तीन बुढ़ार में दो गोहपारू में एक जयसिंह नगर में दो नसबंदी की गईं।
बीते 4 महीनों में जब परिवार नियोजन की ऐसी स्थिति देखी गई तो प्रशासन की आंखें खुली। स्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय परिवार कल्याण योजना के तहत 1 सितंबर से 30 सितंबर तक शहडोल जिले में नसबंदी शिविर का आयोजन करने का फैसला लिया गया है। जिले के मुख्य मेडिकल और स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एम एस सागर ने बताया है कि हर विकासखंड में चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई जाएगी ताकि परिवार नियोजन कार्यक्रम को गति जीती जा सके। महीने की अलग-अलग तारीखों में अलग-अलग विकास खंडों में नसबंदी शिविर लगाए जाएंगे। स्वास्थ्य अधिकारी ने जहां सफल आयोजन का भरोसा दिलाया है वही कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों का पालन के लिए सख्त आदेश कीजिए।
आंकड़ों की बात करें तो जिले में तय लक्ष्य और प्राप्त परिणाम में जमीन आसमान का फर्क देखा गया है। दूसरी चौमासी में जहां पुरुष नसबंदी के लिए ब्योहारी और बुढार का लक्ष्य 30 तय किया गया था वही उपलब्धि क्रमशः 3 और 2 की हुई है। वहीं जयसिंह नगर में 25, गोहपारू में 20, सोहागपुर में 30 का लक्ष्य था वही क्रमशः 2,1 और 0 परिणाम की प्राप्ति हुई है। महिला नसबंदी की बात करें तो व्यौहारी में जहां 1080, बुढ़ार में 1150, गोहपारू में 770, जयसिंह नगर में 1040, सोहागपुर में 950 नसबंदी का लक्ष्य था वही उपलब्धि के तौर पर क्रमशः 0, 17, 0, 0, 0 परिणाम की प्राप्ति हुई है।
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जनसंख्या नियंत्रण पर तरह-तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। सीमित परिवार रखने वालों को प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इस कार्यक्रम के तहत भी पुरुष नसबंदी करवाने वाले लाभार्थियों को ₹2000 तथा महिला नसबंदी कराने वाली महिला लाभार्थियों को 1400 रुपए प्रशासन द्वारा दिया जाता है।