चौक चौराहे, सड़कें आमजन की सुविधा और उपयोग के लिए बनाये जाते हैं परन्तु जब कुव्यस्था और लापरवाही छा जाए तो चौराहे और सड़कें परेशानी और मुसीबत बन जाती है। यही हाल चंदिया कस्बे के मुख्य गांधी चौराहे का है। बेतरतीब खड़े चार पहिया, दोपहिया वाहन प्रतिदिन चौराहे पर अपेना कब्ज़ा जमा लेते हैं। आमजन और साईकिल सवारों का चौराहे से निकालना मुश्किल है।
गाँधी चौराहे पर जाम लगना आम बात है। चारो तरफ से आ रहे वाहन चौक पर धमाचौकड़ी मचाते हैं। ट्रैफिक के सारे कायदे कानून ताक पर रख दिए जाते हैं। नतीजा जाम और परेशानी होता है। चंदिया कस्बे के आस पास के करीब सत्तर गांव हैं। इनकी रोजमर्रा की आश्यकताओं की पूर्ती चंदिया कस्बे से ही पूरी होती है। ऐसे में ग्रामीणों का कस्बे आना और गांधी चौक से गुजरना लाज़मी है। लेकिन वाहनों का चौराहे पर बेतरतीब खड़ा होना जाम और परेशानी का कारण बन जाता है।
दूसरी ओर चंदिया कस्बा मेडिकल सुविधाओं का भी केंद्र है। जिसके चलते आमजन को स्वास्थ केंद्र तक जाने के लिए शहर के इस मुख्य चौराहे से होकर गुजरना पड़ता है। इसके अलावा अन्य जरूरी सामानों की दुकानें भी गांधी चौक में ही स्तिथ हैं। ज़ाहिर है इस चौक में भीड़ इकट्ठा होगी ही ऊपर से बेतरतीब वाहनों की धमाचौकड़ी मुसीबत बन जाती है।
रही बात प्रशासन की तो वह चिरनिद्रा में डूबा है। ट्रैफिक पुलिकर्मी चौराहे से नदारद रहते हैं। चंदिया नगर पंचायत भी बेसुध बेखबर है। ऐसे में चौराहे पर वाहनों का बेतरतीब होना स्वाभाविक है। अभी चौराहे पर छुटपुट दुर्घटनाएं ही सामने आतीं हैं। लेकिन ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन अगर समय रहते नहीं चेता तो बड़ी दुर्घटना का अंदेशा है साथ ही आपसी नोकझोंक और विवाद भी हो सकता है। ज़रूरत है कि प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस अपनी जिम्मदारियों को समझते हुए गांधी चौक का सुचारू उपयोग सुनिश्चित करें ताकि चंदिया वासियों को जाम और परेशानी से निजात मिल