प्रशासन द्वारा योजनाओं के आदेश और निर्देश तो पारित कर दिए जाते हैं, लेकिन उन पर कार्यवाही करने में हमेसा सुस्ती की जाती है। योजनाएं वर्षों तक लटकी रहती हैं और लोग परेशान होते रहते हैं। अनूपपुर रेलवे पर बनने वाले ओवर ब्रिज की स्थिति भी कुछ ऐसी है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 6 अगस्त 2016 को इस रेलवे फ्लाईओवर ब्रिज के निर्माण की घोषणा की गई थी। राज्य सरकार द्वारा दिसंबर 2016 में कुछ राशि आवंटित करके इस काम को आधिकारिक रूप से शुरू करने की सहमति भी जताई थी। लेकिन फिर ओवर ब्रिज के निर्माण में कोई ध्यान नहीं दिया गया। तब से लेकर आज तक लगभग 5 वर्ष बीत चुके हैं। ओवरब्रिज का निर्माण एक सपना ही बना हुआ है।
अनूपपुर की रेलवे लाइन शहर के बीचो-बीच होकर गुजरती है। शहर के दोनों हिस्सों को जोड़ने के लिए क्षेत्र में एक भी ओवरब्रिज नहीं है। इसके कारण रेल के निकलते समय रेलवे लाइन के दोनों तरफ भारी जाम लग जाता है। इस ओवरब्रिज की आवश्यकता बहुत पहले ही जताई गई थी। ओवर ब्रिज बनाने की स्वीकृति भी मिली थी। इसके लिए टेंडर भी पास हो चुका था लेकिन फिर अचानक इस ब्रिज का काम बीच में ही रुक गया।
इसका एक कारण यह भी था कि 2018 में प्रदेश के विधानसभा के चुनाव थे और चुनाव के बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार स्थापित हो गई थी जबकि यह योजना भाजपा सरकार की थी। फिर लगातार इस मामले पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
लंबे समय बाद जब अनूपपुर के पूर्व विधायक, भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य, क्षेत्रीय आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं अन्य नेताओं द्वारा अपनी भाजपा सरकार के खिलाफ ही प्रदर्शन और अनशन की घोषणा की गई तब जाकर प्रशासन को होश आया। आनन-फानन में ब्रिज को पूरा करने का निर्णय लिया गया।
8 सितंबर 2021 को सेतु निगम द्वारा इस रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। रेलवे फाटक से इंदिरा तिराहे तक बनने वाले इस ब्रिज के लिए जहां भूमि का सर्वेक्षण किया गया वही बजट भी निर्धारित कर दिया गया है।
ब्रिज के निर्माण की लागत लगभग 12 करोड़ रुपए बताई गई है। इस ब्रिज को बनने में 2 वर्ष का अनुमानित समय तय किया गया है। सेतु निगम शहडोल के एसडीओ डीएस मकराम का कहना है कि बजट और समय के अनुसार ब्रिज का निर्माण होगा, और जल्द से जल्द काम की शुरुआत की जाएगी।
प्रशासन द्वारा जनहित की योजनाओं में इस तरह की देरी लोगों के लिए परेशानी खड़ी करती है। प्रशासन द्वारा योजनाओं के वादे कर दिए जाते हैं और चुनाव गुजरते ही उन पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। उम्मीद है इस ब्रिज के निर्माण के साथ ऐसा नहीं होगा और जल्द से जल्द अनूपपुर के लोगों को इस ओवर ब्रिज की सुविधा मिल सकेगी।