अनूपपुर जिले को बने लगभग 18 साल का वक्त बीत चुका है लेकिन अभी तक जिले में स्वास्थ्य की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है। अभी भी अस्पताल की इमारत पूरी तरह से नहीं बन पाई है। वहीं दूसरी तरफ जिले में लगातार मौसमी बीमारी और वायरल बुखार के केस बढ़ते जा रहे हैं। यहां तक कि जिले में अब तक कोरोना के तीन मरीज भी सामने आ चुके हैं।
करोना की तीसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्य प्रशासन पर और भी बड़ी जिम्मेदारी आ पड़ी है। हर साल बरसात के मौसम में वायरल इंफेक्शन और मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके बावजूद भी जिला अस्पताल में अब तक स्वास्थ्य के जरूरी साधन का इंतजाम नहीं किया गया है। जिले में ना तो पर्याप्त संख्या में डॉक्टर हैं, ना इलाज में लगने वाली मशीन हैं और ना ही बेड की सुविधा। ऐसी हालत में मरीज आखिर कहां जाएं !
जिला अस्पताल में डॉक्टरों की स्थिति यह है कि अस्पताल में डॉक्टरों के 54 पद स्वीकृत हैं जबकि फिलहाल 11 डॉक्टर ही अस्पताल में कार्यरत हैं। क्लास वन के 26 डॉक्टर स्वीकृत हैं और फिलहाल तीन ही डॉक्टर कार्यरत हैं। वही क्लास टू के 23 पद स्वीकृत हैं और केवल 5 डॉक्टर ही कार्यरत है। अस्पताल के अनेकों विभागों के डॉक्टरों के पद कई वर्षों से खाली पड़े हैं। इनमें सर्जन, नाक कान गला विभाग, रेडियोलॉजिस्ट, गायनिक, पैथोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिक जैसे अनेक विभागों के पद शामिल हैं।
दूसरी तरफ अस्पताल में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसी माह की बात करें तो 1 सितंबर से लेकर 10 सितंबर तक जिला अस्पताल में वायरल फीवर के 138 मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें अगस्त माह का आंकड़ा भी जोड़ दें तो जिले में वायरल फीवर के कुल मामले 364 हो चुके हैं। मरीजों को इलाज के लिए बेड नहीं मिल पा रहे हैं। जबकि कई मरीजों का जमीन पर बेड लगाकर ही इलाज किया जा रहा है।
इतना ही नहीं बल्कि 5 सितंबर को जिले में करोना के केस भी पाए गए थे। और अब तक कुल 3 करोना के केस सामने आ चुके हैं। लंबे समय बाद जिले में करोना केस सामने आए हैं। जिससे तीसरी लहर की आशंका और तेज हो गई है।
प्रशासन का कहना है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए अस्पताल में इंतजाम किए जा रहे हैं। अनूपपुर जिला अस्पताल में 10 बिस्तर वाले आईसीयू, 60 बिस्तर वाले कोविड वार्ड, 500 बिस्तर वाले ऑक्सीजन युक्त बेड और दो वेंटीलेटर की व्यवस्था की जा चुकी है।
वही अनूपपुर जिला अस्पताल के सीएमएचओ डॉक्टर एस सी राय का कहना है कि डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए प्रशासन को पत्र लिखा जा चुका है। और प्रशासन इस पर जल्द कार्यवाही करेगा। वही कोरोना लहर के संबंध में डॉक्टर ने कहा कि जिला अस्पताल द्वारा पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। अस्पताल हर तरह की परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन के लिए भागते लोगों और दम तोड़ते मरीजों के भयानक दृश्य हम सबने देखे हैं। इसके बावजूद भी प्रशासन अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था करने में कोताही करता है। जब अस्पतालों में मरीज बढ़ने लगते हैं तब वे अपने ऊपर के अधिकारियों पर अव्यवस्था का पूरा जिम्मा डाल देते हैं। शिकायतें इसी तरह यहां से वहां घूमती रहती हैं और मरीज परेशान होता है। प्रशासन को स्वास्थ्य सुविधा में अधिक सुधार की आवश्यकता है।