कोतमा नगर के वार्डों में साफ़ सफ़ाई पर नहीं दिया जा रहा है ध्यान, जिससे कई अनिमंत्रित बीमारियों के पैदा होने का डर नगरवासियों में फैला हुआ हैं | इसके पीछे का मुख्य कारण है नगर पालिका के अधिकारी |
लगातार शिकायतों के बाद इस परेशानी को अनदेखा किया जा रहा है|नगर की सफाई व्यवस्था का तो इतना बुरा हाल है की अब लोगों में दिन पर दिन आक्रोश बढ़ता जा रहा है| वार्डों में जगह जगह कचरे के ढेर लगे हैं। वहीं लोगों के घरों के सामने एवं सड़कों के किनारे बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आई हैं।
गाजर घास भी पनपने लगे हैं लेकिन इन्हें सफाई करवाने का समय न तो जनप्रतिनिधियों को है न ही नपा के अधिकारियों के पास है। वार्डों में जगह-जगह नालियां जाम हैं। इसके कारण मलेरिया एवं डेंगू जैसी बिमारी होने का डर वार्ड के लोगों में बना हुआ है।
कीटनाशक दवाओं का भी छिड़काव नहीं किया जा रहा है। नागरिकों ने साफ-सफाई एवं झाड़ियों को कटवाए जाने की मांग की है। परंतु अपनी शिकायतों को अनदेखा होता देख यहाँ के लोगों को आखिर में सोशल मीडिया का ही सहारा
लेना पड़ा| वार्ड के युवाओं ने जगह जगह फैली हुई गंदगी की फोटो नगर पालिका के अधिकारियों के वाट्सएप्प तथा सोशल मीडिया पर शेयर की ताकि उनको खबर हो सके की वार्ड के हालात कितने बुरे है | इस सबके बावजूद अभी भी कोई खास असर होता नहीं दिखाई दे रहा है |
नगरपालिका के क्षेत्र को दो भागों में बाँटा गया था जिसमें दो अलग अलग सुपरवाइज़र भी रखे गए थे पर मॉनिटरिंग के अभाव में नियमित सफाई नहीं की जा रही है| वार्डवासियों ने सुपरवाइज़र्स की शिकायत भी दर्ज़ करी जिसके बाद वार्ड नंबर 1 से 7 तक के सुपरवाइज़र को बदल भी दिया गया परंतु वार्ड नंबर 8 से 15 तक के सुपरवाइज़र को नहीं बदला गया जिससे लोगों की परेशानियाँ कम नहीं हो पायी और वे पार्षद और नपा अधिकारियों से बहुत ही निराश व क्रोधित है |
प्रधान मंत्री द्वारा आरम्भ किये गए स्वछता अभियान को कितना समय हो गया परंतु आज भी ऐसे कई नगर और क्षेत्र है जहा की साफ़ सफाई को लेकर सफाई अधिकारी बहुत ही लापरवाही दिखा रहे है इससे इनको कोई परेशानी नहीं होती पर आम जनता को रोज़ नयी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है |
इसके कारण ही गंभीर बीमारियाँ फैलती है और कई मासूम लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है | उम्मीद है की नगरपालिका के अधिकारी जल्द से जल्द इस मुसीबत को हल करे और एक साफ़ व सुन्दर नगर बना सके |