जिले में कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है। मारपीट और हत्या के मामले आम हो गए हैं। प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही न किए जाने से अपराधियों के हौसले भी बुलंद होते जा रहे हैं। ऐसी घटना शहडोल के पुरानी बस्ती में भी सामने आई है।
पुरानी बस्ती के रहने वाले विनय कुमार मौर्य के साथ 3 सितंबर को कुछ लोगों ने हाथापाई की और उसे बुरी तरह घायल कर दिया गया। मारपीट की वजह 1000 रुपए की उधारी थी। विनय कुमार मौर्य ने आरोपियों से 1000 रुपए उधार लिए
थे, जिसे वह समय पर नहीं लौटा पा रहा था। इसी घटना को लेकर आरोपियों और विनय मौर्य में झगड़ा हुआ और विवाद मारपीट तक पहुंच गया।
आरोपियों में दुष्यंत सिंह, राहुल शुक्ला और मनीष शुक्ला के नाम शामिल हैं। ये सभी आरोपी कल्याणपुर के रहने वाले थे। इन तीन आरोपियों में से दो आरोपियों को पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया है लेकिन दुष्यंत सिंह नाम का तीसरा आरोपी अभी भी फरार है। क्षेत्र के एसपी ने फरार आरोपी दुष्यंत पर 10000 रुपए का इनाम घोषित कर दिया है। साथ ही गिरफ्तार किए गए आरोपियों पर धारा 327 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। धारा 327 एक गैर जमानती धारा है।
मारपीट से बुरी तरह घायल हुए विनय कुमार मौर्य को मौके पर ही जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया और कुछ दिन बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा न तो अच्छी तरीके से जांच की गई और न ही उसकी अंदरूनी चोटों पर भी कोई गौर किया गया। नतीजा यह हुआ कि कुछ दिन बाद विनय की तबीयत फिर से बिगड़ने लगी। जिला चिकित्सालय ने उसे रेफर कर दिया और इसके बाद विनय को जबलपुर में भर्ती कराया गया।
जबलपुर में उपचार के दौरान ही 13 सितंबर को उसकी मौत हो गई। विनय की मौत की खबर सुनते ही परिवारजन आग बबूला हो गए और अस्पताल में ही प्रदर्शन करने लगे। इसके बाद देर रात को विनय के शव को जबलपुर से शहडोल लाया गया और अगली सुबह पुरानी बस्ती की सड़क पर विनय के शव को रखकर परिजनों द्वारा प्रदर्शन किया गया। परिजनों की मांग है कि फरार आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए।
पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक अवधेश कुमार गोस्वामी का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जा चुका है और साथ ही आरोपियों पर हत्या की धारा 302 भी अतिरिक्त रूप से लगा दी गई है। पुलिस का कहना है कि डाक्टर की रिपोर्ट के आने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है।
पुलिस ने यह भी भरोसा दिलाया है कि इलाज के विषय में की गई लापरवाही पर भी वरिष्ठ अधिकारियों से बात की जाएगी और जल्द से जल्द आरोपियों को पकड़ कर उन पर मुकदमा चलाया जाएगा। लगातार बढ़ती जा रही अपराध की घटनाओं से पुलिस विभाग पर लगातार सवाल बढ़ते जा रहे हैं। पुलिस लगातार लोगों को सुरक्षा देने और अपराधों को कम करने में असफल साबित हो रही है। कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने में प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकता है।