1 सितंबर से संभाग में राजस्व सेवा अभियान और ग्राम सेवा अभियान चलाया जा रहा है। संभाग आयुक्त द्वारा इस विषय पर पहले ही कई बैठकें की जा चुकी है। बैठकों का सिलसिला अभी भी जारी है। पिछले दिन भी संभाग आयुक्त राजीव शर्मा ने संभाग के तीनों जिलों के कलेक्टर, अपर कलेक्टर व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक में हिस्सा लिया।
आयुक्त ने विभिन्न विभाग के अधिकारियों से उनके विभाग में लंबित शिकायतों को जल्द से जल्द निपटाने की बात दोहराई है। 1 सितंबर से शुरू हुआ यह राजस्व सेवा अभियान 15 सितंबर तक चलेगा। 15 सितंबर तक सभी अधिकारियों को उनके विभाग में लंबित शिकायतों को निपटाने का आदेश भी दिया गया है।
संभागायुक्त 15 सितंबर से ग्रामीण इलाकों के दौरे पर निकलेंगे और खुद ग्राम वासियों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनेंगे। आयुक्त का दौरा अनूपपुर जिले के ग्राम पंचायत पड़मनिया, छोटी तुम्मी, बड़ी तुम्मी से शुरू होकर दूसरे गांव तक पहुंचेगा। अपने दौरे के दौरान आयुक्त ग्रामीणों से मिलकर अधिकारियों व विभागों द्वारा किए जा रहे काम के बारे में भी पूछताछ करेंगे। संभाग आयुक्त का कहना है कि ग्राम वासियों की बात में अगर सच्चाई पाई गई और विभागों के कर्मचारी लापरवाही करते हुए पाए गए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
संभाग आयुक्त की बैठक के बाद जिलों के कलेक्टर और अपर कलेक्टर ने भी जिले के विभिन्न विभाग के अधिकारियों से मीटिंग की। शहडोल जिले के अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा ने बैठक में कई विभागों के कामों और योजनाओं की समीक्षा की।
अपर कलेक्टर ने जिले में चल रही उज्जवला योजना के दूसरे चरण की प्रगति के बारे में अधिकारियों से पूछा। साथ ही उज्जवला योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा लोगों तक गैस कनेक्शन पहुंचाने की बात कही। अपर कलेक्टर का कहना है कि कैंप लगाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को उज्जवला योजना के बारे में जानकारी दी जाए और भरे गए केवाईसी फॉर्म को ई पोर्टल पर भी अंकित किया जाए।
अपर कलेक्टर ने खाद्य विभाग से भी व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़कर क्षेत्र की समस्या और योजनाओं के बारे में जानने को कहा। इसके साथ ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली में हो रही गड़बड़ी, शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति जैसे विषयों पर भी बात की गई।
पिछले 15 दिनों से जिले में लगातार बैठकों का दौर जारी है। लेकिन विभागों के अधिकारी अभी भी लापरवाही करने से नहीं चूक रहे हैं। सीएम हेल्पलाइन के तहत महीनों से लटकी हुई शिकायतों का अभी तक निपटारा नहीं किया गया है। जबकि 15 सितंबर तक की समय अवधि लगभग समाप्त हो चुकी है। देखना होगा कि आयुक्त द्वारा अधिकारियों पर कार्यवाही की बात कितनी सच्ची निकलती है।