शहडोल के संभाग आयुक्त द्वारा संभाग के तीनों जिलों में लोकरंग महोत्सव के आयोजन का फैसला लिया गया है। लोक संस्कृति और लोक कलाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए यह एक अच्छा कदम बताया जा रहा है।
लोकरंग महोत्सव से जहां स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा वही स्थानीय कलाकारों को भी अपनी कला दिखाने का अवसर मिलेगा। इस लोकरंग महोत्सव में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें लोक संगीत, लोक नृत्य, कवि सम्मेलन, चित्रकला प्रदर्शनी आदि शामिल हैं।
लोकरंग महोत्सव का आयोजन आगामी नवंबर माह में किया जाएगा। बीते दिन संभाग आयुक्त ने एक बैठक में हिस्सा लिया जिसमें संस्कृति विभाग के अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता व लोक कलाकार भी शामिल थे। कमिश्नर ने कहा कि ये कार्यक्रम लोक संस्कृति पर केंद्रित होगा। लगातार लुप्त हो रही लोक संस्कृति, आदिवासी संस्कृति, गायन व नृत्य शैली को फिर से जीवित करने की आवश्यकता है और इसके लिए यह लोक रंग महोत्सव एक अच्छा माध्यम है।
संभागायुक्त ने यह भी कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से स्थानीय कला और स्थानीय कलाकारों को मंच उपलब्ध कराया जाएगा। आयोजन मुख्य रूप से स्थानीय भाषा, वेशभूषा, भजन कला, संगीत, संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन पर आधारित होगा। लोकरंग महोत्सव शहडोल संभाग के तीनों जिलों में आयोजित किया जाएगा।
इस आयोजन में पारंपरिक लोकगीत, लोकनृत्य काष्ठ कला, गोंडी, बैगा चित्रकला व आधुनिक चित्रकला को भी स्थान दिया जाएगा। साथ ही प्रदेश के मशहूर चित्रकार सैयद रजा हैदर की पेंटिंग्स की एक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
इस तरह के आयोजन जहां लुप्त होती स्थानीय संस्कृति में जान फूंकेंगे वहीं स्थानीय कलाकारों को भी एक मंच दिया जा सकेगा। संभागायुक्त की इस पहल को लोगों द्वारा सराहा जा रहा है।