हिंदी पखवाड़े के तहत देश के अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। शहडोल के सभागार में भी इसी तरह का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। शहडोल जिला कलेक्टर वंदना वैद्य की मौजूदगी में इस कार्यक्रम को संपन्न किया गया।
कार्यक्रम में कलेक्टर सहित अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा, व हिंदी भाषा के रचनाकार व साहित्यकार भी मौजूद रहे। इस मौके पर विभिन्न साहित्यकारों ने हिंदी भाषा को लेकर अपने पक्ष रखे। कलेक्टर वंदना वैद्य ने कहा कि हिंदी की महत्वता आज भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में भी देखी जा रही है।
हिंदी को विदेशों में भी स्वीकार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है और हिंदी में लोकप्रियता तथा एक शब्द के अनेक अर्थों का भंडार विद्यमान हैं।
अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा ने भी स्कूलों और कॉलेजों में हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान की बात की। उनका मानना है कि भावी पीढ़ी को हिंदी में और ज्यादा ज्ञानवान और सक्षम होना चाहिए।
इसके साथ ही कार्यक्रम में केपी दुबे, डॉ भारती शर्मा, राजेंद्र शुक्ला, फरहत खान, डॉक्टर मदन त्रिपाठी आदि कवियों ने भी अपने काव्य पाठ प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी रणमत सिंह, सहायक संचालक बीडी पाठक के साथ अन्य शिक्षाविदों की भी उपस्थिति देखी गई।
हिंदी पखवाड़े के मौके पर कटनी के मवई गांव में भी एक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन योजना के तहत मवई के शासकीय महाविद्यालय में यह कार्यक्रम रखा गया था।
निबंध प्रतियोगिता का विषय “आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश में हिंदी की भूमिका” रखा गया था इस कार्यक्रम में प्रभारी प्राचार्य श्रीमती वंदना उर्कुडे और स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना के प्रभारी राजेंद्र कुमार सोनवानी सहित अन्य अतिथियों की उपस्थिति देखी गई।