अपने साथ हुए गुनाहों की शिकायत व कार्यवाही के लिए देश के नागरिकों को ये भरोसा और दिलासा होता है की पुलिस उनकी मदद करेगी। खाकी वर्दी की शान के लिए जहाँ कई पुलिस कर्मी एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा देते है, वहीँ कई पुलिस कर्मी ऐसे भी है जिनके दुष्कर्मों की वजह से सारे पुलिस प्रशासन को शर्मिंदा होना पड़ता है|
मामला अनूपपुर का है जहाँ एक युवती ने आरपीएफ विजलेंस डिपार्टमेंट में पदस्थ विभाग प्रभारी राणा प्रताप सिंह पर ये आरोप लगाया है कि विभाग प्रभारी राणा प्रताप सिंह ने उसके साथ रेलवे के बंद पड़े केबिन में बलातकार किया, साथ ही उसका वीडियो भी बनाया और उसे जान से मारने की धमकी भी दी|
युवती का कहना है कि वो अपने घर से नानी के घर बिजुरी जाने के लिए अनूपपुर स्टेशन पर ट्रेन का इंतज़ार कर रही थी तभी विजलेंस प्रभारी राणा प्रताप सिंह ने उसके साथ बलात्कार किया|
इस बात से डरी युवती अपने परिजनो को कुछ नहीं बता सकी। पर ये मामला यहीं नहीं रुका, विजलेंस प्रभारी ने सालों तक उसके साथ कॉन्टैक्ट बनाया रखा और दुष्कर्म किया| इतना ही नहीं पीड़ित का गर्भपात भी कराया|
प्रभारी द्वारा युवती के साथ लगातार दस सालों से बलात्कार किया जा रहा था। युवती के साथ 2011 से लगातार 2021 तक बलात्कार होता रहा| युवती ने इस घटना को कई साल छुपाये रखा पर जब उसके साथ बलात्कार के साथ-साथ शारीरिक हिंसा भी की जाने लगी तब उसने पुलिस स्टेशन में एफ.आई.आर दर्ज़ कराई|
युवती की माने तो उसके साथ ये हिंसा का सिलसिला बहुत समय से हो रहा था, फिर जनवरी 2021 में उसकी एक आँख को बुरी तरह से घायल कर दिया गया। अब उसकी एक आँख की रोशिनी पूरी तरह जा चुकी है|
युवती ने इस घटना की रिपोर्ट 14 जनवरी 2021 में पुलिस थाने में दर्ज़ कराई। किन्तु उसकी इस शिकायत पर पुलिस कर्मियों द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया गया |जिसके बाद युवती ने इस बात की शिकायत क्षेत्र कोर्ट के लीगल एड सेल में की फिर पुलिस द्वारा उसके साथ हुए गुनाह की कार्यवाही 18 फरवरी 2021 से शुरू की गयी|
पर मामला यही नहीं थमा, युवती का कहना है की पुलिस कर्मियों ने उसके साथ बहुत ही गन्दा व्यवहार किया, साथ ही इस घटना के बारे में मीडिया को बताने से भी मना कर दिया| युवती से इस घटना के बारे में बहुत ही शर्मनाक सवाल किये गए और उसको इस दौरान बहुत उत्पीड़न का सामना करना पड़ा |
इसके अलावा इस घटना में विजलेंस प्रभारी के खिलाफ कोई भी सबूत इक्खट्टे नहीं किये गए हैं, न ही कोई मेडिकल रिपोर्ट शेयर की गयी| युवती की आँख का इलाज भी सही तरीके से नहीं कराया गया, न ही उसे कोई अच्छे अस्पताल में रेफर किया गया
आखिर में तत्कालीन ऑफिस इंचार्ज को इस घटना की कार्यवाही की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी| घटना से जुडी हर बात की जांच डीएसपी द्वारा की जा रही है, इस बात को 9 महीने से ज़्यादा बीत गए परंतु अब तक युवती को न्याय नहीं मिला | इस घटना से युवती को उत्पीड़न, बदनामी जैसी परेशानियाँ झेलनी पड़ रही है साथ ही उसे कई नौकरियों से भी निकल दिया गया|आशा है की पुलिस प्रशासन जल्द ही इस विषय पर कार्यवाही करेगा और पीड़ित कोे न्याय मिल सकेगा।