बहरधाम के पीछे लगे उमरार पुल नैगवांटोला रपटा पुल का हाल इतना बुरा है कि रात के अंधेरे में कई लोग यहां दुर्घटना का शिकार हो गए हैं। एक विकल्प के तौर पर कुछ दशक पूर्व इस पुल का निमार्ण किया गया था।
अक्सर इस पुल की नदी में डूबने की शिकायत आतीं हैं जिसकी वजह है उसकी ऊंचाई का कम होना। साथ ही रपटा भी काफी पुराना हो चुका है जिस कारणवश सड़कें भी गढ़ेनुमा हो गईं हैं। उमरार रपटा पुल का निमार्ण दशकों पूर्व हुआ था।
इस इलाके में 3000 से ज्यादा की आबादी है जोकि बहरधाम इलाके से बस्ती को जोड़ता है। शमशान घाट के साथ साथ एनएच-43 जाने के लिए इसी मार्ग का उपयोग किया जाता है। पहले की तुलना में आबादी और यातायात बेहद बढ़ गई है और उस वक्त अस्थाई रुप से इसका निमार्ण भी किया गया था।
बारिशों के मौसम में यह मार्ग बंद होजाया करते हैं। एक निवासी हजारी लाल सोनी बताते हैं की कई बार इस बात के बारे में प्रशासन को बताया गया है लेकिन कोई भी उचित रखरखाव नही किया जाता। इस पुल के बंद होने के कारण निवासी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं।
लोगों के द्वारा प्रशासन से यह मांग की गई है कि बारिश समाप्त होने पर निमार्ण कार्य जल्द से जल्द शुरु किया जाय, नैगवांटोला, लालपुर, जमुनिया एवं राष्ट्रीय राजमार्ग पहुंचने के लिए यहीं से एक रास्ता निकलता है|
इस मार्ग में आना जाना खतरे से खाली नही होता। बड़े बड़े गड्ढों में कीचड़ व फिसलन होने के कारण बड़े वाहन तक नदी में समा जाते हैं, यही नही बल्कि कई लोगों की इस कारण जान भी जा चुकी है|