धनपुरी प्रदेश की सबसे ज्यादा राजस्व प्राप्त करने वाली नगरपालिकाओं में से एक है। इसके बावजूद भी धनपुरी को आज तक बस स्टैंड की सुविधा नहीं मिल सकी है। इस साल देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। देश की आजादी को 75 साल हो रहे हैं लेकिन शर्म की बात है कि देश की सबसे संपन्न नगर पालिका में ना तो बस स्टैंड की सुविधा है न बाजार हाट की व्यवस्था है।
प्रदेश की आर्थिक तरक्की में बड़ा योगदान देने वाली धनपुरी नगरपालिका आज भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में गुजर-बसर कर रही है। न तो यहां बस स्टैंड है न आटो स्टैंड है, न ही बाजार हाट के लिए उपयुक्त जगह है। नगर की मुख्य सड़क पर ही बसें और अन्य वाहन खड़े होते हैं। बाजार के लिए भी एक छोटी सी जगह प्रशासन द्वारा दे दी गयी लेकिन यहाँ पर किसी भी तरह की कोई सुविधा नहीं है।
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थानीय लोगों को कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ता होगा। सड़क पर ही वाहनों के खड़े होने और बाजार लगाए जाने से इलाके में लंबा जाम लग जाता है और लोगों को आने जाने में परेशानी होती है। वही बस स्टैंड ना होने की वजह से सड़कों पर आए दिन दुर्घटनाएं भी होती रहती है।
इस संबंध में कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों और व्यापारियों द्वारा नगर प्रशासन को शिकायतें लिखी गई लेकिन आज तक इस विषय पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी।
प्रशासन की मानें तो अमरकंटक मार्ग में एक स्थान पर बस स्टैंड बनाने के लिए भूमि की माप की गई थी लेकिन लेटलतीफी और लापरवाही के कारण उस जमीन पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया है। अब प्रशासन द्वारा जब अतिक्रमणकारियों को वहां से हटाया जाता है तो वे आत्महत्या और आत्मदाह कर लेने जैसी धमकियां देते हैं और प्रशासन को मजबूरन पीछे हटना पड़ता है।
शायद धनपुरी प्रदेश का इकलौता ऐसा शहर है जहां न तो बस स्टैंड की सुविधा है न बाजार के लिए पर्याप्त जगह है । सड़कों पर लगती दुकानें और खड़े होते वाहन लोगों के लिए भारी परेशानियां पैदा कर देते हैं। कई वर्षों से स्थानीय लोगों द्वारा इन मूलभूत सुविधाओं के लिए प्रशासन से गुहार लगाई जा रही है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। लोग आज भी शहर में बस स्टैंड देखने के लिए तरस रहे हैं।