29 अगस्त को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर बफर जोन की दमना बीट में एक बाघिन के शिकार का मामला सामने आया था। तब से लेकर पुलिस विभाग इस मामले की गुत्थी सुलझाने में लगा हुआ था। लेकिन दो हफ्तों बाद 16 सितंबर को वन विभाग द्वारा फरार शिकारियों को पकड़ लिया गया।
वन अधिकारियों की दी हुई जानकारी के अनुसार 3 लोग इस शिकार में शामिल थे जिनका नाम शिवकुमार बैगा, कैलाश बैगा और बाबूलाल बैगा है। पुलिस का कहना है कि यह सूची और भी बढ़ सकती है। पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में शिकारियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
शिकारियों ने बताया कि 27 अगस्त की रात को जंगल में वन्यजीवों को पकड़ने के लिए शिकारियों ने करंट का जाल बिछाया था। लेकिन उसमें यह बाघिन फंस गई और उसकी मौत हो गई। बाघिन की लाश को छुपाने के लिए शिकारियों ने उसके शव पर पत्थर बांधकर वारदात स्थल से दो किलोमीटर दूर एक कुएं में फेंक दिया। हैरत की बात यह है कि दो दिन तक इस घटना के बारे में न तो आसपास के ग्रामीण लोगों को पता चला ना ही वन विभाग के गश्ती दल को।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के वन प्रबंधन ने बताया है कि आरोपियों ने इस घटना को मानपुर रेंज की कटुलहाई हार व जमुदाहार के जंगलों में अंजाम दिया। पुलिस को इस मामले को हल करने में काफी मेहनत करनी पड़ी साथ ही पुलिस के खबरियों और मुखबिर तंत्र की भूमिका भी काफी अहम रही।
क्षेत्र संचालक विंसेंट रहीम के अनुसार इस पूरी छानबीन में मानपुर रेंजर मुकेश अहिरवार व अन्य टीमों के प्रयास सराहनीय रहे। 17 सितंबर को इन आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जाएगा।