अक्सर देखा जाता है कि प्रशासनिक पद प्राप्त कर लेने के बाद अधिकारी उसका दुरुपयोग करने लगते हैं। इसी प्रकार का एक मामला शहडोल जिले के व्यौहारी जनपद में भी सामने आया है। ब्यौहारी के तहसीलदार रॉबिन जैन पर यह आरोप लगाया गया था कि वे कार्यालय में मनमाने तरीके से काम करते हैं और अन्य लोगों के साथ अभद्रता से पेश आते हैं।
ब्यौहारी के जाने-माने अधिवक्ता गया प्रसाद तिवारी के साथ भी तहसीलदार जैन ने कथित रूप से दुर्व्यवहार किया। अधिवक्ता तिवारी का कहना है कि तहसीलदार जैन न तो लोगों से अच्छे ढंग से बात करते हैं न ही समय पर कार्यालय पहुंचते हैं। कार्यालय पहुंच कर भी वे कार्यालय का दरवाजा अंदर से बंद कर लेते हैं जबकि नियम अनुसार कार्यालय के दरवाजे शाम 5 बजे तक खुले रहने चाहिए।
इस घटना के बाद अधिवक्ता तिवारी ने इस दुर्व्यवहार की सूचना अधिवक्ता संघ को दी। अधिवक्ता संघ ने सामूहिक रूप एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर उनके तबादले की मांग की। लंबे समय तक जब इस शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गई तो अधिवक्ता गया प्रसाद तिवारी के नेतृत्व में अधिवक्ता संघ ने एक प्रदर्शन आयोजित किया।
स्थिति बिगड़ती देख जिला प्रशासन को इस विषय पर एक्शन लेना पड़ा और व्यवहारी तहसीलदार राबिन जैन का तबादला सोहागपुर कर दिया गया। अधिवक्ता संघ प्रशासन के कदम से संतुष्ट है।
इसके अलावा अधिवक्ता संघ ने यह भी कहा है कि ब्लॉक ऑफिस सहित अन्य विभागों में भी भ्रष्टाचार चरम पर है। तहसील न्यायालय की ही बात करें तो वहां कथित रूप से घूस लेकर रीडर की नियुक्ति की गई है और यही हाल अन्य विभागों का भी है। अधिवक्ता तिवारी का मानना है कि इन पूरे विषयों पर जांच होनी चाहिए और मामले की सच्चाई सामने आनी चाहिए।