हाल ही में मेडिकल कॉलेज में दुकानों की नीलामी को बिना कुछ जानकारी के निरस्त कर दिया गया था। इसका निर्देश शासन के पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त घुमकड़, एवं अर्धघुमाकड, जनजातीय कल्याण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री रामखेलावन पटेल के द्वारा दिया गया था, जिसका कारण वह आरक्षण की शर्तों का पालन न करना बताते हैं।
प्रभारी मंत्री रामखेलावन का कहना है कि जो मेडिकल कॉलेज में दुकानों की नीलामी हो रही थी, उसमे आरक्षण की प्रक्रिया लागू नही की गई थी। उन्होंने कहा की शहडोल एक आदवासी बाहुल जिला होने के कारण, यहां बिना आरक्षण की प्रक्रिया अपनाए दुकानों की नीलामी निरस्त होना लाजमी था।
और इसी के साथ मेरे पास ही अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग का प्रभार है। आगे उन्होंने कहा की फिर एक नए सिरे से दूकानों की नीलामी मौजूदा आरक्षण के साथ की जाएगी जिनके निर्देश आधिकारियों को दी जा चुकी है।
यह नीलामी मेडीकल कॉलेज में स्थित 8 दूकानों को मासिक किराए पर देने के लिए होनी है। काफ़ी समय तक इसकी फाइल कलेक्टर ऑफिस में पड़ी रहने के बाद नीलामी की तारीक 17 सितंबर सुनिश्चित कर ली गई, और बोलीदाताओं को आमंत्रित कर विज्ञापन भी जारी कर दिए गए थे लेकिन ऐन मौके पर बोली निरस्त कर दी गई।
लोगों के कई बार पूछने पर भी उन्हें इसका कोई समुचित उतर नही मिला जिसके कारण लोग आक्रोशित हो गए और परिसर में काफी समय तक हंगामा होता रहा जिसको देख पुलिस बुलानी पड़ी। तब जा कर के स्थिति को शांत करवाया गया। यही नही बल्कि कई तो ऐसे हैं जिनकी आवेदन अभी तक भी जमा हैं। 60 से अधिक आवेदन दूकानों के लिए आए थे। एक हजार रुपए के आवेदन शुल्क के साथ 50 हजार का डीडी भी जमाया कराया गया है।