शहडोल के धनपुरी में एक नवनिर्मित फिल्टर प्लांट लगाया गया था। इसी फिल्टर प्लांट में कुछ सुधार कार्य करते वक्त सिक्योरिटी गार्ड की करंट लगने से मौत हो गई। इस पूरे मामले में प्लांट के ठेकेदार को दोषी ठहराया जा रहा है।
जानकारी है कि ठेकेदार ने बिजली में आए फाल्ट को सुधारने के लिए सिक्योरिटी गार्ड को बिजली के खंभे पर चढ़ा दिया। सिक्योरिटी गार्ड के पास न तो कोई सुरक्षा के साधन थे और न ही बिजली सप्लाई बंद की गई थी। नतीजा यह हुआ कि उस चौकीदार की करंट लगने से मौत हो गई। चौकीदार का नाम सागर केवट बताया जा रहा है जिसकी उम्र 27 वर्ष थी।
रविवार को सुबह प्लांट में बिजली की समस्या सामने आई थी। मौके पर मौजूद ठेकेदार ने किसी लाइनमैन या बिजली कर्मचारी को सूचित करने की जगह चौकीदार सागर को ही ट्रांसफार्मर में फ्यूज लगाने के लिए चढ़ा दिया। इस हादसे के बाद सागर के परिजन आग बबूला हो उठे।
सागर को अस्पताल ले जाया गया लेकिन किसी इलाज के पहले ही उसकी मौत हो गई। गुस्साए परिजनों ने पहले तो अस्पताल में ही हंगामा किया इसके बाद ठेकेदार के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने की मांग की है।
प्लांट परिसर में मौजूद अन्य कर्मचारियों और मजदूरों ने भी आरोप लगाया है कि बिजली गड़बड़ी में कंपनी द्वारा बिजली कर्मचारियों को नहीं बुलाया जाता और बिना किसी सुरक्षा साधन के मजदूरों से ही बिजली सुधारने का काम करवा लिया जाता है। इस घटना के वक्त फिल्टर प्लांट लगाने वाली कंपनी के मैनेजर और अकाउंटेंट वहां मौजूद थे लेकिन परिस्थिति बिगड़ती देख वे वहां से भाग निकले।
बाद में मामले की पूरी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस का कहना है कि डॉक्टरों की रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्यवाही पर फैसला लिया जा सकता है। कंपनी के ठेकेदारों और मैनेजरों द्वारा की गई छोटी सी लापरवाही की कीमत किसी को जान देकर चुकानी पड़ती है। पुलिस विभाग द्वारा इस मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।