लोकल के साथ बाहरी वाहनों का यहां जमघट लगा रहता है। सुबह से देर रात तक यह सड़क पूरी तरह से गुलजार रहती है। लोग सड़क पर वाहन खड़े कर खरीददारी करते हैं, इस सड़क पर पैदल चलना भी दूभर होता है।
परिवहन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 2017 से अब तक की स्थिति में वाहन की श्रेणी में लगभग 4165 वाहन हर वर्ष दर्ज़ किए जा रहे हैं।
यदि 2017 को बात करें तो मोटर कार की संख्या 1324, मैक्सी कैब की संख्या 408, तीन पहिया लोडर की 308 थीं वहीं 2019 मैं ये संख्या बढ़कर 442 मैक्सी कैब की हो गई, मालवाहक 549 हो गए।
और यदि दो पहिया वाहनों की बात करें तो उनकी वृद्धि तो इससे कई ज्यादा हैं। 2017 में इनकी संख्या 32,577 थी और बढ़ कर के इनकी संख्या 42,419 हो गई है।
इस पर वाहन चालकों का कहना है की प्रशासन समय समय पर कारवाई करके सिर्फ एक ढोंग रचा रही है। असलियत में हर वाहन के लिए शहर में अलग अलग वाहन निर्धारित किया गया हैं लेकीन इसके बावजूद भी पुलिस प्रशासन द्वारा इनका पालन नही करवाया जा रहा है। और नागरिक भी सही जगह पर वाहन खड़ा नही करते हैं।
त्योहारों में ये चौराहे की स्थिति तो और बत्तर हो जाती है जब गांधी चौक के चारों तरफ दूकानों को लगा दिया जाता है जिसके कारण लोगों का अलग जमघट, और वाहनों का अलग जमघट।
स्थानिया लोगों का कहना है की मानिहारी बाजार तथा पाली रोड क्षेत्र में ये स्थिति सबसे ज्यादा भयावह है यहां अक्सर महिला उपभोक्ताओं की भीड़ जमा रहती है क्योंकि यहां आवश्यक सामान इन दूकानों में पाया जाता है।
जल्दबाजी में अक्सर लोग वाहनों को सड़क किनारे लगा देते हैं। एक एक करते शाम तक ये स्थिति और बेकार होती जाती है। सब लोगों में आगे बढ़ने की होड़ है जिस करणवश छोटी मोटी दुर्घटनाएं होती रहतीं हैं।
उम्मीद यही होगी की इस समस्या का प्रशासन द्वारा जल्द से जल्द समाधान किया जायगा ताकि लोगों को मुसीबत का सामना न करना पड़े।