कोरोना के लॉक डाउन के बाद लंबे समय से जिले में प्राइमरी स्कूल बंद थे लेकिन 20 सितंबर को प्राइमरी स्कूल भी खोल दिए गए हैं। जबकि हायर सेकेंडरी और सेकेंडरी स्कूल पहले ही खोले जा चुके थे। मध्य प्रदेश राज्य शासन द्वारा प्राइमरी स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया।
जिला की आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया कि कोरोना गाइडलाइन और सही रणनीति के साथ ही बच्चों को स्कूलों में पढ़ाया जाएगा। स्कूलों के खुलने से बच्चों में जहां खासा उत्साह देखा जा रहा है वहीं शिक्षक भी बच्चों का तिलक वंदन कर और सैनिटाइजर लगाकर कक्षा में स्वागत कर रहे हैं।
बीते शनिवार को आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में प्राइमरी स्कूलों को खोले जाने संबंधी कुछ सुझाव दिए गए थे। लंबी चर्चा के बाद आखिरकार जिले में प्राइमरी स्कूलों को खोलने का फैसला कर लिया गया। शहडोल जिले में पहली से पांचवी तक लगभग 90000 छात्र-छात्राएं रजिस्टर हैं। जिले में कुल 1623 शासकीय प्राइमरी स्कूल हैं। जिले में कक्षा एक में कुल 16412, दो में 16932, तीन में 19417, चार में 18349 और कक्षा पांच में 21520 बच्चे रजिस्टर्ड हैं।
आपदा प्रबंधन समिति ने 50% क्षमता के साथ प्राइमरी स्कूलों को खोलने का फैसला लिया है। 20 सितंबर को पहले ही दिन अधिकांश स्कूलों में 45 से 46% बच्चों की उपस्थिति दर्ज की गई जो कि एक अच्छा संकेत है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कोरोना की पूरी गाइडलाइन के तहत स्कूल में बच्चों को पढ़ाने का इंतजाम किया गया है।
अधिकारियों का यह भी कहना है कि बहुत जल्द दसवीं से बारहवीं की कक्षाओं को शत-प्रतिशत क्षमता के साथ चलाया जाएगा और हॉस्टल भी खोले जाएंगे। बच्चों की स्कूल में अच्छी खासी उपस्थिति देख शहडोल के डीपीसी डॉक्टर मदन त्रिपाठी ने संतोष व्यक्त किया है उनका कहना है कि स्कूलों में थर्मल स्कैनर, सैनिटाइजर, मास्क, हाथ धोने की साबुन आदि की व्यवस्था स्कूल द्वारा की जा रही है और अभिभावकों को यह निर्देश है कि बच्चों को सर्दी खांसी, जुकाम होने पर स्कूल ना भेजें और उनकी जांच कराएं। लंबे समय बाद स्कूल खुलने से बच्चों में भी खुशी की लहर दिखाई दे रही है।