बारिश के मौसम में भूस्खलन जैसी घटनाओं का होना एक आम बात है, पर इससे होने वाले नुक्सान से निपटने की तयारी प्रशासन को पहले से ही करनी चाहिए ताकि जान-माल की हानि से बचा जा सके।
आज हम बात कर रहे है पुष्पराजगढ़ में जुलाई के महीने में हुए भूस्खलन की। जुलाई के महीने में आये भूस्खलन के बाद अमरकंटक-अनूपपुर के रास्ते पर स्थित किरर घाट पर बनी सड़क बह गई थी जिसके बाद से इस रास्ते को लोगो के आने-जाने के लिए बंद कर दिया गया है और इसके निर्माण का काम शुरू कर दिया गया है। किन्तु अब तक इस निर्माण कार्य को शुरू हुए दो महीने से ज़्यादा बीत चुके है पर अब तक ये काम पूरा नहीं हो सका है।
सड़क निर्माण नहीं होने के कारण राजेंद्रग्राम से अनूपपुर आने के लिए यहाँ के लोगों को 15 से 20 किलोमीटर का फालतू में चक्कर लगाना पड़ रहा है, जिससे इन लोगों को बहुत मुश्किलें हो रही है। लोगों का कीमती समय इस एक्स्ट्रा चक्कर के कारण व्यर्थ हो रहा है।
ऐसा पता चला है कि कल यानि कि 21 सितंबर को चचानडीह बॉक्साइट खदान के मजदूरों द्वारा हिंद मजदूर सभा के बैनर तले विनय सिंह के मार्ग दर्शन में एक सैकड़ा मजदूरों ने किरर घाट के रास्ते के निर्माण कार्य को जल्द ही शुरू कराने के लिए एसडीएम पुष्पराजगढ़ अभिषेक चौधरी को ज्ञापन सौंपा था।
इस ज्ञापन में कहा गया है कि बीते दिनों राजेंद्रग्राम से अनूपपुर मुख्य मार्ग किरर घाट में भूस्खलन के कारण वाहनों का परिवहन नहीं हो पा रहा है। जिस कारण इस बॉक्साइट खदान जो मध्य प्रदेश स्टेट माइनिंग कॉरपोरेशन व कटनी बॉक्साइट के संयुक्त निरीक्षण में संचालित है उसका उत्पादन बॉक्साइट अनूपपुर रेलवे साइडिंग तक नहीं आ पा रहा है।
खदान से बॉक्साइट न निकल पाने के कारण मज़दूरों में बेरोज़गारी
खदान से बॉक्साइट नहीं निकल पाने की वजह से वहां पर काम करने वाले मजदूरों को बॉक्साइट संगठन द्वारा काम पर नहीं लगाया जा रहा है जिस वजह से सैंकड़ोे आदिवासी मजदूरों के सामने बेरोज़गारी की मुश्किल सामने आ गयी है।
बॉक्साइट संगठन से बात करने पर ऐसा पता चला है का ऐसा कहना है कि जब तक किरर घाट मार्ग से परिवहन शुरू नहीं हो जाता है तब तक वह कार्य भी शुरू नहीं करेंगे। ज्ञापन में मांग की है कि घाट मार्ग को जल्द से जल्द शुरू कराया जाए जिससे सैकड़ों मजदूरों को फिर से रोज़गार मिल सके।