उमरिया के चंदिया में लोगों को पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 2018 में एक पेयजल परियोजना शुरू की गई थी, जिसके तहत एक ओवरहेड टैंक, फिल्टर प्लांट और पाइप लाइन तैयार की जानी थी।
लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद भी यह परियोजना अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। परियोजना का केवल 70 फीसदी काम ही पूरा किया गया है। यहां तक कि फिल्टर प्लांट का आधारभूत ढांचा भी पूरी तरह से तैयार नहीं है।
प्रदेश सरकार द्वारा 2018 में लगभग 63 करोड़ की लागत से यह पेयजल प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। लेकिन निर्माण एजेंसी विभाग की लेटलतीफी के कारण यह प्रोजेक्ट अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। चंदिया शहर की कुल आबादी लगभग 25000 है और वर्तमान में यहां केवल 1 ओवरहेड टंकी और बोरवेल व्यवस्था है।
भूजल स्तर में कमी और सूखते जल स्रोतों के कारण इस पेयजल परियोजना की आवश्यकता देखी जा रही थी। लेकिन प्रशासन की लापरवाही का आलम यह है की 3 साल में भी इसे पूरा नहीं किया जा सका है।
इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की समय सीमा जुलाई 2020 तक तय की गई थी लेकिन समय सीमा से 1 साल से ज्यादा का समय बीत चुका है।
चंदिया को मुख्यमंत्री और यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा मिनी स्मार्ट सिटी की सौगात दी गई थी और इस मिनी स्मार्ट सिटी का हाल यह है कि यहां लोगों को पेयजल के लिए भी बरसों इंतजार करना पड़ रहा है।
मध्य प्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड और मध्य प्रदेश अर्बन सर्विसेज इंप्रूवमेंट प्रोजेक्ट के तहत इस योजना को पूरा किया जाना था लेकिन संबंधित अधिकारी कहीं कोरोना के लॉकडाउन, तो कहीं बरसात, तो कहीं बजट न होने का बहाना बनाकर काम को टाल रहे हैं।
लोगों की पेयजल संबंधी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। संबंधित विभाग को काम में तेजी दिखाते हुए जल्द से जल्द इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की आवश्यकता है ताकि पेयजल के लिए लोगों को भटकना न पड़े।