उमरिया जिला कलेक्टर द्वारा आबादी क्षेत्र में रह रहे लोगों को उनकी ज़मीन का मालिकाना हक देने का फैसला किया गया है। राजस्व विभाग के आंकड़ों के अनुसार आबादी क्षेत्र में रह रहे लोगों को उनकी जमीन की रजिस्ट्री अभी तक नहीं दी गई थी।
लेकिन अब प्रशासन द्वारा आबादी क्षेत्र में रह रहे लोगों को उनकी जमीन का मालिकाना हक दिया जाएगा। कलेक्टर ऑफिस के इस फैसले के बाद लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
इस संबंध में उमरिया जिला कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव द्वारा 23 सितंबर को अधिसूचना जारी की गई। अधिसूचना के तहत कहा गया है कि भू सर्वेक्षण के दौरान नवीन अधिकार अभिलेख तैयार किए जाएंगे साथ ही सभी खातेदारों के नाम, दायित्व आदि की जानकारी भी अंकित की जाएगी। ग्रामों के लिए निस्तार पत्रक भी तैयार किया जाएगा।
कलेक्टर द्वारा इस प्रक्रिया में लोगों से सहयोग की अपेक्षा की गई है। उनका कहना है कि लोगों को भूमि के संबंध में स्वामित्व सीमा, अंश, दायित्व, अधिकार के दस्तावेजों को दिखाना होगा तभी उन्हें जमीन का मालिकाना हक दिया जाएगा। प्रशासन के इस फैसले से किसानों को खासतौर से फायदा होगा।
प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि जमीन के लेखा-जोखा के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। ड्रोन सिस्टम व ईडॉक्यूमेंट के जरिए जमीन की मैपिंग और रिकॉर्डिंग की जाएगी। जमीन का मालिकाना हक मिल जाने से लोग परिसंपत्ति के रूप में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं और जमीन के कागज के आधार पर बैंकों से लोन भी ले सकते हैं। साथ ही कई सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठा सकते हैं।
कलेक्टर ने यह भी कहा है कि लोग अपनी संपत्ति का पूरा ब्यौरा और उसकी जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे। ईग्राम स्वराज पोर्टल पर जमीन का पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराया जाएगा साथ ही जमीन के स्वामित्व का सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा।
उमरिया की कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का कहना है कि इस प्रक्रिया के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। साथ ही भूमि का सर्वेक्षण भी कराया जा रहा है। तीन-चार महीनों के भीतर ही यह पूरी प्रक्रिया संपन्न कर ली जाएगी।