शहडोल जिले के सिंहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के तहत आने वाले बेम्होरी के अस्पताल में स्वास्थ्य असुविधाएं बढ़ती जा रही हैं। वर्तमान में यहां एक भी डॉक्टर कार्यरत नहीं है। बेम्होरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टर आशिक का हाल ही में तबादला कर दिया गया है। प्रशासन की इस कार्यवाही से ग्रामीण वासी खासे नाराज हैं। बेम्हौरी का यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आसपास के कई गांव को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराता है। इसके बाद भी यहां डॉक्टर नहीं है।
गुस्साए ग्राम वासियों ने जिले के कलेक्टर और सीएमएचओ को एक पत्र लिखकर डॉक्टर आशिक को अस्पताल में स्थाई रूप से पदस्थ करने की मांग की है। बेम्हौरी के स्थानीय पत्रकार से वोकल न्यूज शहडोल ने बात की। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं लगातार खराब होती जा रही हैं।
बेम्हौरी के अस्पताल में एक स्थाई डॉक्टर की नियुक्ति की गई थी। लेकिन उन्हें आज तक किसी गांववासी ने देखा तक नहीं है। शहडोल में रहने वाले डॉक्टर रंजीत सिंह कभी बेम्हौरी अस्पताल में आए ही नहीं, क्योंकि यह उनके निवास स्थान से काफी दूर पड़ता है। टेंपरेरी तौर पर यहां डॉ आशिक की नियुक्ति की गई थी लेकिन कुछ ही दिनों पहले उनका भी तबादला दूसरे अस्पताल में कर दिया गया है।
डॉ आशिक से गांव वासियों को काफी उम्मीदें थी, एक वही डॉक्टर थे जिन्होंने गांव में पैथोलॉजी, सैंपल टेस्टिंग जैसे अनेक काम शुरू करवाए थे। लेकिन फिलहाल उनका तबादला कर दिया गया है। ग्राम वासियों के विरोध करने पर प्रशासन द्वारा डॉक्टर आशिक को सप्ताह में 3 दिन बेम्हौरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अटैच कर दिया गया है। लेकिन ग्रामवासी प्रशासन के इस फैसले से भी नाखुश हैं।
उनका मानना है कि प्रशासन ने उन्हें समस्या के हल के नाम पर एक झुनझुना पकड़ा दिया है क्योंकि यह समस्या का कोई स्थाई हल नहीं है। पत्रकार द्वारा यह भी बताया गया कि अगर अस्पताल में स्थाई रूप से डॉक्टर आशिक या किसी अन्य डॉक्टर को नियुक्त नहीं किया गया तो ग्रामवासी अपने खून से एक पत्र लिखकर कलेक्टर ऑफिस को ज्ञापन सौंपेंगे और हड़ताल करेंगे।
अभी बीते दिनों ही बेम्हौरी से ही एक महिला को खाट पर लिटा कर अस्पताल पहुंचाने की खबर सामने आई थी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं कितनी बदतर हालत को पहुंच चुकी हैं। इनमें जल्द से जल्द सुधार की आवश्यकता है।