धनपुरी के कोयला खदानों के पास बनी कॉलोनियों की सफाई व्यवस्था नाकाम होती जा रही है। सबसे बुरा हाल संजय नगर कॉलोनी का है जहां जगह-जगह कचरे के ढेर नजर आ रहे हैं। नालियां टूट चुकी हैं और कचरे से जाम हो चुकी हैं। नालियों का पानी सड़क पर और रिहायशी इलाकों में फैल कर गंदगी फैला रहा है। सड़कों की हालत इतनी बदतर हो चुकी है कि पैदल चलना तक मुश्किल हो रहा है।
ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा मरम्मत का काम और खनन काम का कचरा यूं ही फेंक दिया जाता है, जिसे कॉलोनियों के लोगों को भाड़े पर मजदूर लगाकर या खुद उठा कर फेंकना पड़ता है। हर साल कॉलोनियों की साफ-सफाई, सड़कों की मरम्मत व अन्य कामों के लिए लाखों रुपए आता है लेकिन जमीन पर इसका कोई काम नहीं दिखता।
यहां तक की कॉलोनियों के मकानों की छतों से पानी का रिसाव भी होता है, जिससे लोग घर में भी चैन से नहीं रह पाते हैं। सेप्टिक टैंकों के ढक्कन गायब हो चुके हैं और गटर से फैलने वाली बदबू से लोग परेशान हैं। हर जगह झाड़ियां और घास फूस पनप आईं हैं जहां जहरीले जंतुओं ने अपना घर बना लिया है। मकानों में न तो बिजली फिटिंग की व्यवस्था की जा रही है न ही जर्जर होते मकानों की मरम्मत।
कॉलोनी के लोग इन अव्यवस्थाओं और अभाव में जीने को मजबूर हैं। यह स्थिति दूरदराज के किसी कस्बे की नहीं बल्कि प्रदेश की सबसे संपन्न नगर पालिका में से एक धनपुरी के कॉलोनी की है। पिछले दिनों कंपनी कल्याण बोर्ड व सोहागपुर कल्याण बोर्ड के सदस्यों ने कॉलोनी के हालातों का जायजा लिया और अपने निरीक्षण में यह पाया कि कालोनी की स्थिति सचमुच खराब है।
इस संबंध में कॉलोनियों के नागरिकों और श्रमिक संगठनों द्वारा सिविल विभाग को कई बार शिकायतें भी भेजी गईं लेकिन स्थिति में कोई सुधार ना हो सका। प्रशासन के इस तरह के ढुलमुल रवैए से लोगों में काफी गुस्सा है और अब लोग हड़ताल करने का भी मन बना रहे हैं। लोगों का मानना है कि यदि सिविल विभाग द्वारा जल्द से जल्द कॉलोनी में साफ सफाई की व्यवस्था और मरम्मत कार्य नहीं कराए गए तो उन्हें मजबूरन हड़ताल और प्रदर्शन का सहारा लेना होगा।