उमरिया जिले में बच्चों की स्कूल यूनिफॉर्म की सप्लाई में भी घोटाले का मामला सामने आया है। बच्चों की स्कूल यूनिफॉर्म सिलने और बांटने का काम समूहों को दिया गया था जबकि कुछ व्यापारियों द्वारा इस काम को समूह से हथिया लिया गया। जानकारी है कि व्यापारियों ने घटिया क्वालिटी की स्कूल यूनिफॉर्म बनाकर सप्लाई कर दी।
पूरे मामले की खबर जब उमरिया जिला कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को पहुंची तो उन्होंने यूनिफॉर्म का भुगतान रोकने का फैसला कर लिया। साथ ही इस पूरे घोटाले में जांच के आदेश भी दिए गए हैं। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन व राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के समूह को शासकीय स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की यूनिफॉर्म बनाने का काम सौंपा गया था। इन समूहों को खुद यूनिफार्म बनाकर स्कूल को सप्लाई करनी थी, लेकिन बताया जा रहा है कि इन समूहों ने कुछ व्यापारियों से बात की और बना बनाया यूनिफॉर्म सप्लाई कर दिया।
इस मामले में कलेक्टर ने केवल कपड़े की राशि का भुगतान करने के आदेश दिए हैं जबकि सिलाई का भुगतान रोक लिया गया है। साथ ही समूह को जितनी सिलाई का भुगतान हो चुका है उसे वापस वसूलने के आदेश दिए गए हैं।
प्रशासन द्वारा बच्चों को शिक्षा, मिड डे मील और यूनिफॉर्म वितरण की योजना बनाई गई है ताकि बच्चों में पढ़ाई को लेकर रुचि जागे और शिक्षा का स्तर सुधर सके। शिक्षा के क्षेत्र में इन योजनाओं के लिए करोड़ों रुपए खर्च किया जा रहा है लेकिन समूहों से लेकर विभागों तक हर जगह भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है।
हाल ही में शासकीय स्कूल के बच्चों द्वारा शिकायत की गई थी कि उन्हें जो यूनिफार्म दी जा रही है वह बहुत ही घटिया क्वालिटी की है। उनका कपड़ा शरीर में गड़ता है और सिलाई की फिटिंग भी सही नहीं बैठती है। यहां तक की यूनिफॉर्म एक बार पहनने में ही फट जा रही है। सरकार का लाखों रुपया जो बच्चों को यूनिफॉर्म सिलाई के लिए दिया गया था सब बेकार हो रहा है। व्यापारी और समूह बच्चों की यूनिफार्म के पैसे से अपनी जेब भर रहे हैं और बच्चे खराब यूनिफार्म पहनने को मजबूर हैं।
पिछले कुछ वर्षों से देखा जा रहा है कि शिक्षा विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग के अनेक विभागों में व्यापारियों ने कब्जा जमा लिया है और लाखों रुपए का घोटाला कर रहे हैं। अफसरों, विभागों व व्यापारियों की मिलीभगत से सरकारी पैसा उड़ाया जा रहा है और योजनाएं विफल हो रही हैं। प्रशासन को इस विषय पर तुरंत कार्यवाही करने की जरूरत है।