26 सितम्बर को एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र की भूमिगत खदान 5/6 में अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से पानी भर जाने के कोयला के प्रोडक्शन का काम बंद हो जाने की खबर सामने आई है।
लापरवाही के पीछे किसका हाथ है, यह अब तक पता नहीं चल पाया है। जांच-पड़ताल के दौरान जब कोयला खदान के कर्मचारियों से इस पूरे मामले की पूछ-ताछ की गई तब उन्होंने बताया कि खदान के अंदर से पानी निकालने वाले पंप को बहुत ही लापरवाह तरीके से बंद कर दिया गया था।
जिसे समय पर चालू न कर पाने के कारण खदान में पानी भर गया, साथ ही जिस स्थान पर कोयले का उत्पादन किया जाता है वहां पर कोयला खदान में पानी भरे होने के कारण कर्मचारी अपने कार्यस्थल पर समय से नहीं पहुंच सके, जिससे सारा उत्पादन पूरी तरह से बंद हो गया है और जब तक कोयला खदान से पूरी पानी बाहर नहीं निकाला जाएगा तब तक कोयला खदान शुरू नहीं हो सकेगी।
कोयला खदान में पानी के भर जाने से हुआ भारी नुक्सान- ऐसी खबर मिली है कि इस घटना के दैरान किसी ने पाइप पर ध्यान नहीं दिया, जिसका नतीजा है कि लाखों रुपए का पंप पानी में डूब गया और कन्वेयर बेल्ट के पास कमर के ऊपर तक पानी भर गया ,जिसे कारण कोयला उत्पादन पूरी तरह बंद हो गया है।
इस खदान में लगभग 300 टन कोयले का उत्पादन होता था। इसके अलावा पूछ-ताछ के दौरान कॉलरी कर्मचारियों ने यह भी बताया कि यह खदान वर्तमान समय में बंद होने की स्थिति में आ गई है और यहां पर काम करने वाले लगभग 500 कर्मचारी के स्थानांतरण की चिंता उन्हें सता रही है।
इस पूरे मामले पर जमुना कोतमा क्षेत्र के महाप्रबंधक ने कहा कि खदान में पानी भर जाने से उत्पादन पूरी तरह थप पड़ गया है, जिससे बहुत भरी नुक्सान की मुश्किल सामने आ गई है।
पानी को जल्द से जल्द खदान से बहार निकालने की कोशिश जारी है।अब देखना यह होगा कि प्रबंधन दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही करता है।