सचिव, सहायक सचिव, रोजगार सहायक द्वारा किया जा रहा है धोखा।पात्र हितग्राहियों की बजाये, शासकीय नौकरी में कार्यरत कर्मचारियों के परिजनों व पुत्रों को मिल रहा है आवास योजना का लाभ। दरअसल हाल ही में ऐसा पता चला है कि ग्राम पंचायत लतार के निवासी उदय कुमार अहिरवार और उनके पिता दादू राम अहिरवार ने कलेक्टर महोदय को लिखित शिकायत कर बताया कि 1 साल पहले प्रधानमंत्री आवास योजना की लिस्ट में उनका नाम आया था, और इसके लिए उनकी फोटो भी खींची गई थी।
किंतु कई समय बीत जाने के बाद भी उनकी आवास योजना की पहली किस्त नहीं आई। इस मामले की शिकायत उन्होंने तीएम हेल्पलाइन में दर्ज़ भी कराई थी। जिसके निराकरण के लिए रोजगार सहायक नरेश प्रसाद लहरें एवं पीसी लकड़ा ने उनसे 10 हजार की मांग की और जब उन्होंने यह पैसे देने से इंकार कर दिया तब इन दोनों सहायकों ने आवास योजना एसईसीसी डाटा से उनका नाम हटा दिया और उन्हें अपात्र बना दिया गया।
इसके अलावा ग्राम पंचायत लतार के निवासी जो शासकीय सेवा जैसे एसईसीएल व मध्यप्रदेश शासन में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं उनका भी नाम आवास योजना की सूची में आया है और उनकी सारी किश्त पूरी होकर, भवन का निर्माण भी हो चुका है।
हैरानी की बात है, कि यह सभी निवासी एसईसीएल व मध्यप्रदेश शासन में विभिन्न पदों पर कार्यरत है और इतना धन-संपन्न होने के बावजूद ये और इनके परिजन पीएम आवास योजना का लाभ उठा रहे है। वही, उदय कुमार व दादू राम अहिरवार और अन्य पात्र लाभार्थियों के नाम चयन सूची में दर्ज़ है किंतु अभी तक उनकी पहली किश्त ही नहीं आई है।
इस पूरे मामले की शिकायत उदय कुमार अहिरवार द्वारा जिला कलेक्टर को की जा चुकी है। आशा है, कलेक्टर द्वारा गांव में कार्यरत दोषी अधिकारियों के खिलाफ निष्पक्ष रूप से जांच व कार्यवाही कर सख्त से सख्त सजा दी जायगी। और पात्र लाभार्थियों को पीएम आवास योजना का लाभ मिल सकेगा।