निर्माण कार्य हर जगह ठप लेकिन उमरिया में हालत और भी बत्तर नज़र आने लगी है, यदि बात संभागीय मुख्यालय के पास ग्राम पंचायत ओदरी में नायक के घर से शमशान घाट जाने वाली यह सड़क की करें तो इसका हाल तो बताने लायक भी नही है, जहां दो चार सो खर्च करके टोकनी मिट्टी डाल कर के तीन लाख नवासी हज़ार की राशि जमा करवाई गई, जिसमे भ्रष्टाचार उभर करके आने लगा है।
इस सड़क की चौड़ाई की बात करें तो यह 10 मीटर से कम नहीं है, इन सड़कों में रोलर का भी इस्तेमाल नहीं किया गया है जिसके बदले एक फर्जी मस्टर रोल भरकर यह काम कराया गया है। और बेशर्मी की हद तो तब पार होती हुई नजर आती है जब मानपुर रोड के किनारे पर लगे यह बोर्ड पर नजर पड़ती है जहां साफ साफ अक्षरों में यह लिखा हुआ पाया जाता है कि फरवरी 2021 तक सड़क निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा जिसकी लागत 14 लाख 86 हज़ार रुपे होगी। क्या यह मिट्टी का छिड़काव करवाने में प्रशासन को 14 लाख 86 हज़ार रुपे लग गए?
बरसात के समय तो स्थति बेकार हो चली है जहां लोगों का चलना दूभर हो चुका है। जगह जगह गढ़े हैं जिनमे पानी भर चुका है। बोर्ड में 190 रुपे मजदूरी की रकम लिखी गई है लेकिन इंजीनियर द्वारा मूल्यांकन करने पर 175 रुपे की रकम ही मजदूरों को दी गई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क का कार्य फरवरी माह से बंद पड़ा है, जहां केवल 20 से 25 मजदूरों को कार्य पर लगाया गया था और 65 मजदूरों को प्रथम मस्टर पर लगाया गया था। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि इतने व्यक्तियों को आज तक कार्य पर नही लगाया गया है। सरपंच व इंजीनियर की मिलीभगत ने काफी भ्रष्टाचार मचाया है।
इस पर जब उपमंत्री जनपद पंचायत पाली विजेंद्र प्रताप सिंह से पूछा गया है, उन्होंने कहा कि ग्रेवल सड़क में मिट्टी का काम करवाया गया है और आगे के काम का कार्य जल्द ही शुरू करवा दिया जाएगा।
अब देखने वाली बात यही होगी कि कब तक यह कार्य सम्पूर्ण हो पाता है।