हाथियों का आतंक लागातार जारी है। 40 हाथियों का समूह 27 सितंबर को शाम के समय छतीसगढ़ सीमा से कोतमा वन परिक्षेत्र अंतर्गत टाकी, टाकीपूर्व, मलगा सेमरा पौराधार बीट में ठूठीआम, महानीम अमली खेरवा कुन्डा तिलवारी के जंगल में आशियाना बनाकर शाम होने पर गांव में दाखिल हो गए जिसके बाद ग्रामीणों के कच्चे मकानों को चूर चूर करने के साथ साथ खेतों में लगी फसलों को अपना आहार बना लिया।
हाथियों का आतंक पिछले 7 दिनों से लगातार जारी है जिसमे इन्होंने 50 से ज्यादा ग्रामीणों को नुकसान पहुंचाते हुए किसानों की फसल को नष्ट कर दिया है। इसके चलते सात दिनों से लागातार वन विभाग व स्थानीय प्रशासन बैगानटोलाएनगर परिषद डूमरकछार के बैगानटोलाएपाव टोलाएयादव मोहल्ले के 300 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षा की दृष्टि से ग्राम पंचायत भवन तथा पकी स्कूल इमारतों में लेजा रहे हैं। मोबाइल टीम की मदद के साथ आम जनों को जंगल में प्रवेश न करने की हिदायत भी दी जा रही है।
हाथियों के दो समूह में बंट जाने के बाद वन विभाग द्वारा सारे गांव को खाली करवा दिया। हाथियों के समूह ने खेतों में लगी धान की फसल को चट कर दिया और सैतिनतचूहा गांव में अमली खेरवा के जंगलों में घुस गए। लोगों को हाथियों के द्वारा हुए नुकसान के चलते वन विभाग व राजस्व विभाग मुआवजा का प्रकरण तयार करने के प्रयास भी कर रही है।
इन बढ़ते हाथियों के आतंक को देखते हुए कोतमा तहसीलदार मनीष शुक्ला का कहना है कि ग्रामीणों के घरों व फसलों में हुए नुकसान जानने के उद्देश्य से एक सर्वे पटवारियों की टीम द्वारा किया जा रहा है जिसका पूरा होते ही मुआवजे का प्रस्ताव कलेक्टर को भेजा जाएगा।