अनूपपुर जिले में खनन कार्य करने वाली भोपाल की केजी डेवलपर्स कंपनी पर ठेका नियमों व शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। यह कंपनी जिले की बाइस खदानों के समूहों का तेरह करोड़, तिरेसठ लाख रुपए सालाना के आधार पर ठेका लेकर काम कर रही थी। यह अनुबंध तीन साल के लिए था, लेकिन नियमों का उल्लंघन करते हुए कंपनी ने डीलर को कान्ट्रेक्ट नहीं दिया और अग्रिम राशि भी वसूल कर ली।
अनूपपुर के जैतहरी निवासी संतोष सिंह का कहना है कि कंपनी ने पहली तिमाही की तीन करोड़ सत्रह लाख रुपए की अग्रिम राशि भी ले ली और पूरे साल पेटी कॉन्ट्रैक्ट का काम भी नहीं करने दिया। कंपनी के संचालक आशीष खरया ने बताया कि 16 जुलाई 2020 को 3 साल के लिए यह डील हुई थी।
संतोष सिंह ने जब देखा कि कंपनी द्वारा अग्रिम राशि भी वसूल कर ली गई है और उन्हें काम भी नहीं करने दिया जा रहा है तब 30 सितंबर को खनिज अधिकारी व जिले के एसपी के पास उन्होंने शिकायत दर्ज कराई। एसपी अखिल पटेल द्वारा मामले की जांच शुरू कर दी गई है। शिकायतकर्ता संतोष सिंह ने अपने बयान के समर्थन में केजी डेवलपर्स द्वारा 30 जून 2020 की तारीख में जारी की गई ईटीपी भी प्रस्तुत की है।
इसे दिखाते हुए शिकायतकर्ता ने कहा कि कंपनी द्वारा बाइस हजार घनमीटर रेत का भंडारण होने की बात कही थी लेकिन शिकायतकर्ता संतोष ने जब फील्ड पर पहुंचकर देखा तो वहां पर रेत नहीं थी। ईटीपी के फर्जी होने के बाद उन्होंने पुलिस के सामने शिकायत रखी।
जहां पुलिस द्वारा मामले की जांच शुरू कर दी गई है वहीं खनन विभाग कंपनी को बचाने की फिराक में लगा हुआ है। खनन विभाग द्वारा शिकायतकर्ता संतोष सिंह से असली दस्तावेज मांगे गए हैं जबकि पुलिस उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर ही कार्यवाही कर रही है। इतना ही नहीं बल्कि खनिज विभाग द्वारा कंपनी के ऊपर भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इस मामले पर अनूपपुर की कलेक्टर सोनिया मीणा ने कहा है कि मामले की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं और जांच रिपोर्ट आने के बाद उपयुक्त कार्यवाही की जाएगी।
अक्सर प्रशासन बड़ी कंपनियों से अच्छी खासी रकम लेकर उन्हें यूं ही मनमानियां करने देता है और वे भ्रष्टाचार करके अपनी जेबें भरते जाते हैं। प्रशासन के ऐसे काम करने के तरीके से लोग काफी मुसीबतों का सामना करते हैं। उम्मीद है मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही होगी।