उमरिया जिले में साल 2004 में आईडीएसएमटी योजना व नगरपालिका फंड से हाल ही में बने बस स्टैंड का उद्घाटन किया गया था। किंतु इस बस स्टैंड में अभी तक साफ-सफाई की कोई खास व्यवस्था नहीं है जिस कारण यहां के लोगो को गंदगी और बदबू के बीच सफर करना पड़ रहा है। इस बस स्टैंड से रोज़ाना एक दर्जन स्थानीय ट्रांसपोर्टर व दूसरे जिलों से लगभग 40 से 50 बसें संचालित होती है। जिसमे हर रोज़ 200 से 300 यात्री सफर करते है।
साल 2004 में बस स्टैंड के उद्घाटन के बाद लगभग 10 सालों बाद यात्रियों के लिए यहां एक रैन बसेरा बनाया गया था। जिसमे एक ब्रेस्ट फीडिंग कार्नर के साथ लगभग 40 से 50 दुकाने भी बनाई गई है। और इस पूरे बस स्टैंड में केवल एक ही सफाई कर्मचारी के ऊपर साफ-सफाई की सारी ज़िम्मेदारी है। ऐसा नहीं है कि इसके पीछे का कारण फंड या पैसो की कमी हो, हर महीने अच्छे-खासी धन राशि इस बस स्टैंड में हर चीज़ की अच्छी व्यवस्था के लिए खर्च भी किये जाते है किंतु इसके बावजूद भी इस बस स्टैंड का हाल ज्यों का त्यों ही है।
बस स्टैंड में चारो ओर कूड़े-करकट के ढेर लगे रहते है। जगह-जगह कई गड्ढे भी है जिनमे बारिश के बाद पानी भर जाता है। पानी भरने के बाद इनमे मच्छर पनपने लगते है। जिस कारण यहां यात्रियों का बैठना तो दूर, खड़ा होना तक दूभर हो जाता है। कभी-कभी यह कूड़ा-करकट अगर न भी दिखे तो गड्ढो में भरे पानी में सैकड़ो मच्छर लोगों पर हमला कर देते है, जिससे उन्हें गंभीर बीमारियों के हो जाने का डर भी सताता रहता है। साथ ही परिसर का आधे से ज़्यादा हिस्सा कबाड़ बस व वाहनों से घिरा है जो यह खड़े-खड़े जंग खा रही है किंतु उन्हें यहां से हटाया नहीं जा रहा है।
इस पूरे मामले में कई बार स्थानीय लोगों व यात्रियों ने प्रशासन से शिकायत भी की लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं शुरू की गई है। बस स्टैंड में साफ-सफाई की व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है जिसे अभी तक गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। वही बस चालकों का कहना है कि बस स्टैंड में सीमित जगह के कारण कई बार बसें मोड़ने में भारी दिक्कतें होती है जिस कारण बसें खड़ी-खड़ी सड़ने लग जाती है। इस विषय में उन्होंने जिला कलेक्टर से कई बार शिकायत भी की, जिस पर कार्यवाही कर कलेक्टर ने सख्त निर्देश भी दिए थे किंतु अभी तक कोई खास एक्शन नहीं लिया गया।
उम्मीद है प्रशासन का ध्यान जल्द ही इस विषय पर जाए। और आवश्यकता है कि बस स्टैंड में सभी सुविधाओं को उपलब्ध कराया जाए, साथ ही साफ-सफाई की व्यवस्था को भी बेहतर बनाया जाए।