शहडोल के धनपुरी में एक जाने-माने व्यवसायी के द्वारा नकली जाति प्रमाण पत्र बना कर फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है। जानकारी है कि धनपुरी के रहने वाले महेश गुप्ता जो सामान्य कैटेगरी में आते हैं, इन्होंने 2016 में अपने मित्र रिंकू सोनी जो उस समय अनूपपुर की जनपद में उपयंत्री के पद पर थे, की मदद से नकली अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र बनवाए और इस जाति प्रमाणपत्र से भूखंड की खरीद बिक्री, भवन निर्माण व तीन तीन पेट्रोल पंप अपने नाम करवा लिए।
इस पूरे फर्जीवाड़े में महेश गुप्ता के साथ उनके तीन भाई, मित्र रिंकू सोनी (भूतपूर्व उपयंत्री) और संतू नाम का एक युवक शामिल था। अपने उपयंत्री मित्र रिंकू सोनी की मदद से पहले महेश गुप्ता ने ऊर्जा मंत्रालय की आंखों में धूल झोंकते हुए तीन पेट्रोल पंप अपने नाम करवा लिये, इसके बाद राजस्व विभाग, तहसीली और शिक्षा मंडल के दस्तावेजों में भी अपनी जाति “गुप्ता” से बदलकर “भुजिया” कर ली, जो एक अनुसूचित जनजाति की कैटेगरी में आता है। इतना ही नहीं बल्कि महेश गुप्ता ने अपने परिवार के बाकी सदस्यों, पिता मनीराम गुप्ता और दादा मिश्रीलाल गुप्ता की जातियां भी बदलवा दी।
इस पूरे मामले की शुरुआत सन 2014 में होती है जब महेश गुप्ता के मित्र रिंकू सोनी अनूपपुर की जनपद में उपयंत्री के तौर पर कार्यरत थे और उन्होंने करोड़ों रूपए का काला धन कमाया। नोटबंदी के समय अपने ब्लैक मनी को व्हाइट में बदलने के चक्कर में यह पूरा खेल रचा गया और महेश गुप्ता की जाति बदलकर बहुत सारा रुपया दिखावे के लिए उनके नाम कर दिया गया और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाया गया।
सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन इस योजना में शामिल तीसरे व्यक्ति संतू की किसी बात को लेकर महेश गुप्ता के साथ अनबन हो गई और एक फेसबुक पोस्ट में संतू ने सारी पोल खोल के रख दी। धीरे धीरे पूरी खबर सामने आने लगी और लोगों में बात फैल गई। जब प्रशासन तक बात पहुंची तो प्रशासन को भी कार्यवाही करने पर मजबूर होना पड़ा।
इस पूरे मामले पर शहडोल कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य ने कहा है कि मामले की जांच कराई जाएगी और अगर इसमें कुछ भी सच्चाई निकलती है तो दोषियों के खिलाफ कार्यवाही भी होगी। सरकारी पद के दुरुपयोग की यह घटना कोई नई नहीं है। अक्सर लोग सरकारी सांठगांठ के साथ इस तरह के भ्रष्टाचार और गड़बड़ियां करते आए हैं। प्रशासन को इस मामले पर जल्द से जल्द कार्यवाही करने की जरूरत है।