अनूपपुर जिले में फैली खूबसूरत मैकाल पहाड़ियों पर खनन माफिया अपनी नजरें गड़ाए बैठे हुए हैं। मैकाल की सुंदर वादियों को संरक्षित करने के लिए सरकार द्वारा जहां पर्यावरण प्रेमियों के साथ मिलकर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, वहीं खनिज माफियाओं द्वारा इन पहाड़ों पर बारूदी धमाके कर पत्थरों का अवैध खनन किया जा रहा है।
जानकारी है कि पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में दो दर्जन से भी ज्यादा पत्थरों को तोड़ने वाले क्रेशर चल रहे हैं। जिनमें मैकाल पहाड़ियों के पत्थरों को तोड़कर गिट्टी बनाई जा रही है। इनमें से अधिकतर डीलरों द्वारा खनन की परमीशन नहीं ली गई है और अवैध तरीके से क्रैशिंग की जा रही है। दूसरी ओर पत्थरों के डस्ट से उड़ने वाली धूल भी नुकसानदायी साबित हो रही है।
प्रशासन की नाक के नीचे से अवैध खनन का कारोबार लंबे समय से चल रहा है लेकिन प्रशासन दिखावे के लिए चालान काटने और लाइसेंस रद्द करने की कार्यवाही करता है और पीछे से खनन माफियाओं को उनका काम करने देता है। सब की मिलीभगत से इन सुंदर पहाड़ों के बर्बाद किया जा रहा है। कई खनन माफिया इस तरह के अवैध खनन से काली कमाई करते हैं और हर साल राजस्व विभाग को करोड़ों रुपए की हानि होती है।
क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन को लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार विधायक, सांसद, कलेक्टर व अन्य अधिकारियों से बात की और शिकायतें दर्ज कराईं। लेकिन सब बेअसर साबित हुईं। इतना ही नहीं बल्कि गांव को जोड़ने वाली प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनाई गई सड़कों पर इन खनिज माफियाओं द्वारा भारी वाहन चलाए जाते हैं। इस कारण सड़कें टूट चुकी हैं और गड्ढों में बदल चुकी हैं। लोगों को भी आवाजाही में परेशानी हो रही है। मैकाल क्षेत्र अपने प्राकृतिक सौंदर्य और वन्य जीवन के लिए जाना जाता है लेकिन खनन माफियाओं द्वारा उसे नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इस तरह की कार्यवाही पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए।