प्रधान एवं जिला न्यायाधीश और अध्यक्ष के मार्गदर्शन से गुरवार को विधिक जागरूकता शिविर सोहागपुर में आयोजित किया गया जोकि आज़ादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत जिला विधिक सेवा द्वारा नालसा के आदिवासियों के हित में उनके संरक्षण के संबंध में है।
शहडोल के सचिव एवं अपर सत्र न्यायाधीश अनूप कुमार त्रिपाठी ने कहा कि यह कार्य की सुविधा सभी विभागों के द्वारा उपलब्ध कराइ जायेगी, जिसमे शिक्षा विभाग, राजस्व विभाग, पंचायत राज विभाग, श्रम विभाग, सामाजिक न्याय विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और कृषि विभाग शामिल होंगे।
2015 को लागू विधिक सेवा योजना की जानकारी देते हुए यह बताया गया की 2011 में हुई जनगणना के अनुसार अनुसूचित जनजातियों की कुल मिलकर संख्या के अनुसार अनुसूचित जातियों के रूप में अधिसूचित की संख्या उतर पूर्वी राज्य अपनी खुद की अनेक विधाओं के कारण नहीं है।
इसके साथ ही कुटुम्ब न्यायालय से प्रधान न्यायाधीश ने वर्तमान में जनजातीय समूह में शामिल हुए बच्चों को अनेक सुविधाओं की विस्तार में जानकारी प्रदान की और यह समझाया की यह विश्व जन्संख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं और यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो भविष्य का ज़िम्मेदार नागरिक वर्त्तमान पीढ़ी कैसे बनेगी। आगे समझाते हुए उन्होंने बताया की युवा पीढ़ी के प्रति जो भ्भी आवश्यक दाइत्व हमारा है उससे पूरा कराना अतिआवश्यक बन जाता है। यह ना केवल उनका व्यक्तिगत विकास करेगा बल्कि शारीरिक एवं मानसिक तरीके से भी इनका विकास होगा।
किनकी थी मौजूदगी
कुटुंब न्यायालय से प्रधान न्यायधीश, वालंटियर्स और कर्मचारी के सातसाथ साथ आमजन की उपस्थ्ति देखि गयी थी ।