कुछ दिनों पहले शहडोल के देवांता अस्पताल में हुए फर्जीवाड़े और गड़बड़ियों को देखते हुए जिला प्रशासन एक्शन में आ गया है। बीते दिन सीएमएचओ को निर्देश जारी करते हुए जिला कलेक्टर ने जिले में संचालित सभी नर्सिंग होम, क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब्स की जांच कराए जाने का फैसला लिया है।
कलेक्टर वंदना वैद्य ने कहा है कि सभी निजी क्लीनिको, नर्सिंग होम्स, पैथोलॉजी, आयुर्वेद क्लीनिक व अन्य स्वास्थ्य संस्थानों को राज्य के स्वास्थ्य नियमों के अनुसार कार्य करना होगा। मध्यप्रदेश उपचार्या गृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापना अधिनियम 1973 तथा नियम 1997 के अंतर्गत ही अस्पतालों व नर्सिंग होम का संचालन किया जाना चाहिए। लगातार आ रही शिकायतों के बाद जिला कलेक्टर ने यह फैसला लिया है।
जिले में कुल नर्सिंग होम 12, आयुर्वेदिक क्लीनिक 8, होम्योपैथी क्लिनिक 8, पैथोलॉजी लैब 23 और रजिस्टर्ड क्लिनिक 40 की संख्या में कार्यरत हैं। इन सभी की सघन जांच की जाएगी और गड़बड़ी मिलने पर कार्यवाही की जाएगी। इसी दिशा में पिछले माह सीएमएचओ कार्यालय द्वारा गठित तीन अलग-अलग टीमों ने जिले के सभी नर्सिंग होम्स की जांच की थी और कई तरह की गड़बड़ियां पाई थी। कार्यालय ने इन सभी नर्सिंग होम्स को 1 माह के भीतर सभी कमियों और गड़बड़ियों को दुरुस्त करने का भी आदेश दिया था। इसी कड़ी में अब जिले में हर निजी अस्पतालों और क्लिनिक्स की जांच करने का फैसला लिया गया है।
प्रशासन के इस कदम से निजी अस्पतालों द्वारा की जा रही गड़बड़ियों और मनमानियों में कमी आ सकेगी और लोगों की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां कम हो सकेंगी।