शहडोल के कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को सोनोग्राफी कराने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा है। यहां पर सोनोग्राफी कराने के लिए मरीजों को वेटिंग मिल रही है। अस्पताल में प्रतिदिन करीब 60 से 70 मरीज सोनोग्राफी के लिए तैयार हो जाते हैं लेकिन यहां केवल एक ही शिफ्ट में सोनोग्राफी की जा रही है। 11 से 1 बजे तक की इस शिफ्ट में केवल 25 से 30 मरीजों की ही सोनोग्राफी हो पाती है। बाकी मरीजों को अगले दिन के लिए इंतजार करना पड़ता है। यहां दिखाई जा रही वेटिंग का मुख्य कारण डॉक्टर की कमी बताई जा रही है।
जानकारी है कि इस विभाग में केवल एक ही डॉक्टर कार्यरत है जबकि यहां पर 2 लोगों को होना चाहिए। दो डाक्टर होने पर सोनोग्राफी में आ रही समस्या से निपटा जा सकता है। लेकिन फिलहाल यहां पर एक ही डॉक्टर काम कर रहे हैं। उनके छुट्टी पर चले जाने से सोनोग्राफी का पूरा काम बंद हो जाता है।
अस्पताल में गड़बड़ी का सिलसिला केवल यहीं पर नहीं रुकता है। जिला अस्पताल के प्रसूति वार्ड में एक महिला के बैड के पास सीलिंग फैन गिर पड़ा। गनीमत थी कि उस पंखे की चपेट में कोई नहीं आया वरना बड़ा हादसा हो सकता था। इतना ही नहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के नजदीक शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र का सूचना बोर्ड लगाया गया था, लेकिन बीते दिन वह उखड़ कर नीचे गिर पड़ा।
अस्पताल में बदइंतजामी और गड़बड़ी की यह कोई पहली घटना नहीं है। इसके बावजूद भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग को अस्पताल में हो रही गड़बड़ियों और कमियों को दूर करने की आवश्यकता है।