शहडोल जिले की अनेकों जनपदों में लोगों द्वारा दायर किए गए जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन तहसील कार्यालय द्वारा निरस्त हो रहे हैं। पिछले माह की ही बात करें तो 15 से 20 आवेदन जो लोक सेवा केंद्र के माध्यम से दायर किए गए थे वे निरस्त हो चुके हैं। दस्तावेजों को सही ढंग से ना लगाया जाना, आवेदन के निरस्त होने कारण बताया जा रहा है। जबकि आवेदकों का कहना है कि सारे दस्तावेज सही क्रम में लगाकर ही जमा कराए गए थे।
लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के तहत जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए 15 दिन की समयसीमा निर्धारित की गई है। लोक सेवा केंद्र द्वारा आवश्यक दस्तावेजों के साथ जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन लिए जाते हैं। लोक सेवा केंद्र से आवेदन तहसील कार्यालय जाते हैं और वहां से प्रमाण पत्र बन कर तैयार होता है। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में इतना समय लग रहा है कि लोग परेशान हो रहे हैं।
सोहागपुर जनपद में भी पिछले 3 माह से अधिकांश आवेदन निरस्त किए गए हैं। इसका मुख्य कारण निचले स्तर के कर्मचारियों की गड़बड़ी को बताया जा रहा है। ग्राम जुगवारी निवासी प्रताप सिंह और बोड़री निवासी सुनील पटेल के साथ भी यही समस्या सामने आई है। बताया जा रहा है कि आवेदक द्वारा सुसंगत दस्तावेज संलग्न नहीं किए जाने के कारण आवेदन निरस्त हो रहे हैं। लेकिन शिकायतकर्ता द्वारा जब एसडीएम कोर्ट में अपील की जाती है तो उन्हीं दस्तावेजों के साथ प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाते हैं जिन्हें तहसील कार्यालय में सुसंगत नहीं माना जा रहा था।
लोगों की सुविधाओं के लिए ही लोक सेवा केंद्र शुरू किए गए थे और इन्हें लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के दायरे में लाया गया था ताकि लोगों को आफिसों के चक्कर न काटना पड़े। लेकिन वहां भी लोगों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
लोक सेवा केंद्र द्वारा जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए 10 साल तक के प्रकरणों के लिए 48 रुपए और 10 साल से अधिक समय के प्रकरणों के लिए 60 रुपए का शुल्क निर्धारित है। शुल्क चुकाने के बाद भी लोगों को प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भटकना पड़ रहा है। इस मामले पर तहसीलदार लवकुश शुक्ला से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि दस्तावेज होने पर आवेदन निरस्त नहीं किए जा सकते हैं। अगर लोक सेवा केंद्र कोई समस्या है तो उन्हें स्पष्ट बात करनी चाहिए।