इस माह के अंत तक जिले के मेडिकल कॉलेज में मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज शुरू हो सकेगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जा रही है। बताया जा रहा है कि शुरुआत में केवल तीन विभाग मेडिसिन, स्त्री एवं प्रसूति, साथ ही शिशु रोग विभाग के मरीज यहां भर्ती किए जाएंगे।
इस कारण मेडिसिन विभाग के साथ-साथ गायनी व पीडियाट्रिक विभाग में भी सभी डॉक्टर की सेवाएं पूरी तरह से मेडिकल कॉलेज में ले जाएंगी। जानकारी के अनुसार इन दोनों विभागों में फिलहाल 14 डॉक्टर कार्यरत हैं, जो तीन-तीन दिन अपनी सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन 17 अक्टूबर के बाद से इन्हें मेडिकल कॉलेज में अलाट कर दिया जाएगा।
इस संबंध में मेडिकल कॉलेज की टीम ने जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को पत्र भेजकर जानकारी दी है। गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज की ओपीडी 4 माह पहले ही शुरू कर दी गई थी। अब मरीजों को भर्ती करके यहां इलाज करने की शुरुआत हो रही है।
फिलहाल जिला चिकित्सालय में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल दोनों के ही डॉक्टर यहां सेवाएं दे रहे हैं। तीन दिन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर जबकि तीन दिन अस्पताल के डॉक्टर यहां अपनी सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन अब सभी दिन अस्पताल में चिकित्सकों को ड्यूटी करनी होगी।
इस विषय पर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर जी एस परिहार का कहना है कि मेडिकल कॉलेज के अस्पताल के खुल जाने से जिला अस्पताल पर लोड कम होगा और मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ मिलिंद शिरालकर ने भी जल्द से जल्द मरीजों को भर्ती कर इलाज शुरू करने की तैयारी पर जोर दिया है। उनका मानना है कि नवंबर के पहले सारी व्यवस्थाएं तैयार कर ली जाएंगी और ऑपरेशन थिएटर भी शुरू किए जाएंगे।
निश्चित तौर पर मेडिकल कॉलेज के अस्पताल के शुरू हो जाने से जिला अस्पताल पर दबाव कम होगा और मरीजों को को बेहतर इलाज मिल सकेगा।