सड़क पर होने वाले हादसों और दुर्घटनाओं के आंकड़े जिला पुलिस विभाग द्वारा एकत्र किए जाते हैं और इसकी जानकारी ऑनलाइन डेटाबेस में फीड की जाती है। रोड एक्सीडेंट संबंधी आंकड़े और अच्छी तरीके से इकट्ठे किए जा सकें, इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस (आईआरएडी) की शुरुआत की गई थी। आईआरएडी की सेवा फिलहाल देश के 6 राज्यों में चल रही है। इसमें मध्यप्रदेश भी शामिल है।
हाल ही में आईआरएडी की रैंकिंग जारी की गई। जिसमें मध्यप्रदेश में शहडोल जिले को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है जबकि पहले स्थान पर इंदौर है। इस डाटाबेस की मदद से सड़क पर होने वाले हादसों में कमी लाने का प्रयास किया जा रहा है। इस डेटाबेस में पुलिस के साथ-साथ सड़क निर्माण से जुड़े हुए चार अन्य विभागों को जोड़ा गया है। इसमें सम्मिलित सभी विभाग अन्य एजेंसियों को साथ लेकर इंटीग्रेटेड रूप से काम करते हैं और एक्सीडेंट का विश्लेषण करते हैं, ताकि भविष्य में रोड एक्सीडेंट में कमी लाई जा सके।
एजेंसी द्वारा ऐसे स्पाट चिन्हित किए जाते हैं जहां अक्सर एक्सीडेंट होते हैं और उनमें सुधार की गुंजाइश है। आईआरडी की रैंकिंग में शहडोल ने अच्छा स्थान प्राप्त किया है, इसके लिए शहडोल की जिला पुलिस और अन्य सड़क निर्माण विभागों की तारीफ की जा रही है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार शहडोल के विभिन्न थाना क्षेत्रों में इस साल कुल 436 रोड एक्सीडेंट दर्ज किए गए हैं।
रोड एक्सीडेंट में कमी लाने के लिए प्रदेश द्वारा नए-नए तरीके खोजे जा रहे हैं। इसी के चलते शहडोल जिले में आज से इंटरसेप्टर वाहन की शुरुआत हो रही है। कलेक्टर कार्यालय के परिसर से संभाग आयुक्त राजीव शर्मा ने इंटरसेप्टर वाहन को हरी झंडी दिखाकर इसे रवाना किया। इस वाहन में स्पीड साउंड चेक कर प्रिंट आउट किया जा सकता है। साथ ही साथ बहुत सारी ऑनलाइन फैसिलिटी भी मौजूद है।
यह वाहन जहां भी खड़ा होगा वहां से 2 किलोमीटर तक की दूरी तक के वाहनों की स्पीड आंकी जा सकेगी और तेज गति की वाहनों को 3 सेकंड में इंगित कर लिया जाएगा। साथ ही साथ वाहन के मालिक के मोबाइल में या व्हाट्सएप में स्पीड संबंधी सूचना दी जाएगी। इस वाहन में एक प्रशिक्षित पुलिस ऑपरेटर सूबेदार सहित वाहन चालक और अन्य स्टाफ रहेगा।
प्रशासन की इस पहल का शहर के नागरिकों द्वारा स्वागत किया जा रहा है और यातायात के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम बताया जा रहा है।