अनूपपुर में 2018 को जिला जेल की शुरुआत की गई थी, लेकिन जेल से लगातार असुविधाओं और अनियमितताओं को लेकर शिकायतें आ रही हैं। जानकारी है कि 100 कैदियों की क्षमता वाले जेल में फिलहाल 273 कैदी बंद हैं, जिनमें 260 पुरुष और 13 महिलाएं हैं। इतना ही नहीं यहां पर्याप्त संख्या में सफाई कर्मी और प्रहरी भी मौजूद नहीं है।
जेल के शुभारंभ के 3 साल बाद भी यहां अभी तक सुरक्षा बल स्वीकृत नहीं किया गया है। यही कारण है कि अनूपपुर जेल को दूसरे जिलों के बल के भरोसे चलाया जा रहा है। शिकायत यह भी है कि जिला जेल के पास मापदंड के अनुरूप भूमि भी नहीं है।
प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार जिला जेल में साठ कर्मियों के पद स्वीकृत हैं जिसमें अधीक्षक, उप जेल अधीक्षक, सहायक जेल अधीक्षक सहित प्रहरी और सफाई कर्मी शामिल हैं लेकिन इस जेल में फिलहाल केवल 29 कर्मी ही कार्यरत हैं जिनके हर 6 महीने में तबादले कर दिए जाते हैं। जेल में सुरक्षा बल ना होने के कारण यहां सतना रीवा सागर जबलपुर जैसे जिलों से हर 6 महीने में बल बुलाए जाते हैं और उनके तबादले किए जाते हैं।
अनियमितताओं का सिलसिला यहीं पर नहीं रुकता। बताया जा रहा है कि करोड़ों की लागत से बने इस जिला जेल में 3 बिस्तर वाला एक अस्पताल भी है लेकिन यहां भी एक भी स्वास्थ्य कर्मचारी की नियुक्ति नहीं की गई है। इस पूरी गड़बड़ी के बारे में जब अनूपपुर जेल अधीक्षक राघ्वेश अग्निहोत्री से पूछा गया तो उन्होंने बल की कमी के संदर्भ में प्रशासन को पत्र लिखे जाने की बात कही और कार्यवाही किए जाने का भरोसा दिया। अनूपपुर की जेल में व्याप्त असुविधाओं को जल्द से जल्द सुधारा जाना चाहिए।