बीते दिन शहडोल जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मेहताब सिंह ने ब्यौहारी जनपद पंचायत के सभागार में एक बैठक में हिस्सा लिया। इस बैठक में सीईओ सहित पंचायत सचिव, जीआरएस, इंजीनियर सहित अन्य अधिकारी भी शामिल थे। इस बैठक में सीईओ ने विभिन्न विभागों के सचिवों को निर्देश दिया है और कार्यपालन में हो रही देरी पर जवाब मांगा है।
जिला पंचायत सीईओ ने कहा है कि जिले के सभी पात्र लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी पात्र व्यक्ति आवास से वंचित न रह जाए। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में लंबित शिकायतों के जल्द से जल्द निराकरण की बात भी दोहराई है।
मेहताब सिंह ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में लंबित शिकायतों के निराकरण में कोई भी लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए और जल्द से जल्द शिकायतों का समाधान होना चाहिए। इसके अलावा सीईओ ने कुपोषित बच्चों के परिवारों को मनरेगा योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराए जाने के दिशा निर्देश भी दिए।
साथ ही बैठक में मनरेगा, एसबीएम पंचायतों में विभिन्न करो जिसमें जल कर, स्वच्छता कर एवं संपत्ति कर की वसूली आदि की समीक्षा भी की गई सीईओ ने कहा कि करों की वसूली और योजनाओं के कार्यपालन में लापरवाही नहीं की जानी चाहिए और जनहित के कार्यों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सीईओ द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विभाग की जनहितकारी योजनाओं की भी प्रगति रिपोर्ट मांगी गई। इस बैठक में जिला पंचायत और जिला जनपद पंचायत के सीईओ सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
लेकिन सवाल अब भी यही है कि अधिकारियों द्वारा हो रही इन बैठकों और निर्देशों से जमीनी स्थिति में कहां तक बदलाव आता है? इस तरह की बैठकें और दिशानिर्देश पहले भी दिए जाते रहे हैं लेकिन लोगों की परेशानियों में कोई भी बदलाव होता नजर नहीं आ रहा है, ना ही जनहित योजनाओं की गुणवत्ता और कार्यप्रणाली में बदलाव दिख रहा है। प्रशासन को इस तरह की बैठकों और आदेशों से ऊपर उठकर जमीनी स्तर पर कुछ ठोस कार्य करने की आवश्यकता है।