दशहरा यानि विजयदशमी के इस त्यौहार के दिन भगवान राम, मां दुर्गा, मां सरस्वती, भगवान गणेश और हनुमान जी कि पूजा की जाती है। नवरात्रि और दशहरा के त्यौहार की धूम देश भर में मची हुई है। कोरोना काल के चलते लगभग डेढ़ साल बाद देश में भक्तिमय माहौल देखने को मिला। देवी मंदिरों के साथ ही पूजा-पंडालों में भक्ति गीत व कन्या पूजन के साथ भक्तों ने श्रद्धा की आहुति भी दी।
ऐसा ही कुछ नज़ारा शहडोल के जिले में भी देखने को मिला। मुख्यालय के बूढ़ी माई, कंकाली देवी मंदिर के साथ दर्जनों पूजा पंडालों और कई दूसरे मंदिरों में भी भक्तों की भारी भीड़ नजर आई। यही स्थिति पड़ोस के जिलों और जिले के विभिन्न शहरों और कस्बों में भी देखने को मिली।
नवरात्र के अंतिम दिन गुरूवार को शहर के विभिन्न मंदिरों से लेकर जगह-जगह मोहल्लों में कन्या भोज व भंडारों के आयोजन हुए। बूढी माता मंदिर, कंकाली मंदिर और दुर्गा मंदिर में सुबह लगभग 10 बजे से कन्या भोज प्रारंभ हुए जो दोपहर तक चलते रहे।
इन मंदिरों में आयोजित हुए कन्या भोज में बड़ी संख्या में क्षेत्र की रहने वाली कुंवारी कन्याएं शामिल हुईं। इसी तरह भंडारे में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
वही कोयलांचल के बुढ़ार, धनपुरी व अमलाई में मातारानी के दरबार सजे रहे। इसके अलावा बापू चौक अमलाई में युवा जागृति मंच के द्वारा सजाये गये माँ के दरबार में नवमी के दिन कन्याभोज व विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया। यहां कोरोना की गाइड लाईन के पोस्टर लगाकर भक्तों को जागरूक भी किया गया।
नौ दिनों तक चले नवरात्र के त्यौहार की आज समाप्ति होगी। जिले भर के भक्त लोग आज माता को पूरे भक्तिभाव से विदा करेंगे। और इसके बाद असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया जायगा।